देवघर: पटना से रांची जा रही पाटलिपुत्र एक्सप्रेस ट्रेन में शनिवार की रात झाझा-आसनसोल रेल खंड के लहाबन हॉल्ट पर रात करीब साढ़े नौ बजे सशस्त्र अपराधी दो एसी कोच सहित तीन स्लीपर कोच एवं एक सामान्य कोच में लूटपाट कर रहे थे.
हरवे-हथियार के बल पर अपराधी जब यात्रियों (महिला, पुरुष व बच्चे) से सोने का सामान (मसलन चेन, महिला यात्री के कान, नाक में पहने हुए जेवरात) के साथ-साथ नकदी एवं अन्य कीमती सामनों की लूट कर रहे थे. उस वक्त कोच में चलने वाला स्कॉर्ट पार्टी नदारद थी. एसी से लेकर सामान्य कोच में सवार हर यात्री असहाय दिख रहे थे. पटना से रांची जा रहे बुजुर्ग बीडी साह भी लूटपाट के शिकार हुए.
जसीडीह पहुंचने पर पीड़ित बीडी साह ने बताया कि घटना के वक्त यात्रियों ने सुरक्षा के लिए गुहार भी लगायी. लेकिन, कोई भी सुरक्षा बल उपलब्ध नहीं हुए. घटना के वक्त पाटलिपुत्र ट्रेन के ठीक पीछे सिमुलतला स्टेशन पर बलिया-सियालदह ट्रेन खड़ी थी. करीब एक घंटे से ज्यादा वक्त तक बलिया सियालदह ट्रेन रूकी रही. सिमुलतला स्टेशन पर मौजूद सुरक्षा बल स्लीपर कोच के यात्रियों से कहते रहे कि आप सभी अंदर से दरवाजा बंद कर लें. डरने की कोई बात नहीं है. सुरक्षा बल आ गये हैं. रात करीब 10.43 बजे सिमुलतला से बलिया-सियालदह ट्रेन खुली तो उस वक्त भी ट्रेन में कोई सुरक्षा बल नजर नहीं आये. रात करीब 11.12 बजे बलिया-सियालदह ट्रेन जसीडीह प्लेटफॉर्म संख्या एक पर पहुंची.
आक्रोश से बचने के लिए जसीडीह में प्लेटफॉर्म संख्या दो पर आयी ट्रेन: घटना के बाद पाटलिपुत्र ट्रेन रात करीब 11.06 मिनट पर जसीडीह जंक्शन पहुंची. लेकिन यहां भी रेल प्रशासन यात्रियों के कोपभाजन से बचने के लिए प्लेटफॉर्म संख्या दो पर ट्रेन को हॉल्ट कराया. जसीडीह जंक्शन पर ऑन डय़ूटी तैनात जीआरपी सहित आरपीएफ के पदाधिकारी डरे सहमे एसी कोच, स्लीपर कोच एवं सामान्य कोच का जायजा लेकर लौट आये. पीड़ित यात्रियों की शिकायत को सुनने वाला अथवा रिकॉर्ड करने वाला कोई नहीं था. जसीडीह जंक्शन पर जीआरपी वाले पीड़ित यात्रियों से यही कहते रहे कि घटनास्थल झाझा क्षेत्र का है. इसलिए यहां शिकायत दर्ज नहीं हो सकती है. रेलवे प्रशासन के इस रवैये पर पीड़ित यात्रियों का आक्रोश भड़क गया. प्लेटफॉर्म पर ही रेल प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करने लगे. काफी मशक्कत के बाद पीड़ित चंद यात्रियों की शिकायत ली गयी. लेकिन, अधिकांश यात्रियों को वैसे ही गंतव्य तक की यात्र के लिए ट्रेन पर सवार होना पड़ा.