सोलह दल वाला कमल विशुद्धि चक्र का प्रतीक
वह विष तथा अमृत दोनों का समान रूप से उपभोग करता है. इस विष का उस पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता. व्यक्ति प्रत्येक घटना के पीछे उसके निहितार्थ को समझता है और जीवन के प्रवाह के साथ चलता है. वह करुणापूर्ण , शांत, संतुलित तथा आनंदित रहता है. कहा जाता है कि जिस व्यक्ति […]
वह विष तथा अमृत दोनों का समान रूप से उपभोग करता है. इस विष का उस पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता. व्यक्ति प्रत्येक घटना के पीछे उसके निहितार्थ को समझता है और जीवन के प्रवाह के साथ चलता है. वह करुणापूर्ण , शांत, संतुलित तथा आनंदित रहता है. कहा जाता है कि जिस व्यक्ति का विशुद्धि चक्र सक्रिय होता है वह बिना पढ़े ही समस्त वेद, पुराण तथा शास्त्रों का विशेषज्ञ हो जाता है. आकाश इस चक्र का तत्व है. इसका संबंध श्रवण संवेदना, कर्मेन्द्रियों तथा वाक-नली से है. बैंगनी रंग का सोलह दलों वाला कमल विशुद्धि चक्र का प्रतीक है. इसका यंत्र पूर्ण चंद्रमा की तरह आलोकमय वृत्त है. हं बीज मंत्र तथा सफेद हाथी वाहन है.