अशोक प्रसाद को संरक्षण प्राप्त था पूर्व मंत्री का
देवघर: सेक्स स्कैंडल में फंसे डीडब्ल्यूओ अशोक प्रसाद का देवघर से बड़ा मोह रहा है. कई पदों पर वे देवघर में ही पदस्थापित रहे. बताया जाता है कि डीडब्ल्यूओ के रूप में पदस्थापित करवाने में एक पूर्व मंत्री का आशीर्वाद रहा है. यही कारण है कि वे 13 सालों से देवघर के इर्द-गिर्द घूमते रहे. […]
देवघर: सेक्स स्कैंडल में फंसे डीडब्ल्यूओ अशोक प्रसाद का देवघर से बड़ा मोह रहा है. कई पदों पर वे देवघर में ही पदस्थापित रहे. बताया जाता है कि डीडब्ल्यूओ के रूप में पदस्थापित करवाने में एक पूर्व मंत्री का आशीर्वाद रहा है.
यही कारण है कि वे 13 सालों से देवघर के इर्द-गिर्द घूमते रहे. पहले प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के रूप में सारवां, सारठ, पालोजोरी व मधुपुर में पदस्थापित रहे. कुछ दिनों के लिए उनका तबादला गिरिडीह व पलामू हुआ था, लेकिन कुछ महीने बाद ही श्री प्रसाद जिला कल्याण पदाधिकारी बन कर देवघर आये.
बताया जाता है कि इस अधिकारी को पूर्व मंत्री का संरक्षण प्राप्त था. माडा योजना जो सिर्फ मधुपुर अनुमंडल में ही लागू है. इसको लेकर कल्याण पदाधिकारी को मंत्री का मागदर्शन मिलता रहता था. इन एनजीओ को काम दिलवाने में पूर्व मंत्री की अहम भूमिका रहती थी. प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इन योजनाओं में सीधा हस्तक्षेप पूर्व मंत्री किया करते थे. कई बार तबादले की बात उठी, तो पूर्व मंत्री ने ट्रांसफर रूकवाने का काम भी किया. सूत्रों की मानें तो जिला कल्याण कार्यालय मधुपुर ही शिफ्ट हो गया था.
कई बार तो जिले की बैठक में भी डीडब्ल्यूओ नहीं आते थे, पूछने पर कहते थे, मंत्री जी के साथ हैं. माडा योजना में पूर्व मंत्री के चहेते एनजीओ को काम दिया गया. पूरी योजना की जांच करायी जाये तो माडा योजना में बड़ा घपला भी उजागर होगा.