ग्रामीण जलापूर्ति में फिर दो करोड़ का काम चालू

देवघर: राष्ट्रीय जलापूर्ति कार्यक्रम के अंतर्गत लघु जलापूर्ति योजना से पीएचइडी द्वारा सारवां, मोहनपुर व देवघर प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2011-12 में चुल्हिया, खगड़ा, लखोरिया, बनियाडीह, खिजुरिया व मोरने गांव में घर-घर पानी पहुंचाने के लिए 55 लाख रुपये पानी की तरह बहाया गया. लेकिन एक भी योजना से एक बूंद पानी नहीं मिला. अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2015 9:18 AM
देवघर: राष्ट्रीय जलापूर्ति कार्यक्रम के अंतर्गत लघु जलापूर्ति योजना से पीएचइडी द्वारा सारवां, मोहनपुर व देवघर प्रखंड में वित्तीय वर्ष 2011-12 में चुल्हिया, खगड़ा, लखोरिया, बनियाडीह, खिजुरिया व मोरने गांव में घर-घर पानी पहुंचाने के लिए 55 लाख रुपये पानी की तरह बहाया गया. लेकिन एक भी योजना से एक बूंद पानी नहीं मिला. अब वित्तीय वर्ष 2014-15 में फिर से राष्ट्रीय ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम में लगभग दो करोड़ रुपये का काम चालू हुआ है.

अक्टूबर 2014 में देवघर प्रखंड के चमारीडीह, नवाडीह, खड़वा, माधोपुर, पांडेयडीह, जमनी, संग्रामलोढ़िया, घोरलास, रामडीह, कोकरीबांक, कुशमाहा व महतोडीह, मोहनपुर प्रखंड के लतासारे, चितरपोका व बलथर तथा देवीपुर प्रखंड के भोजपुर में योजनाओं की स्वीकृति हुई. प्रत्येक गांव में 18 से 20 लाख की योजनाओं का पाक्कलन है. छह माह में बोरिंग व पंपसेट से जलमीनार का निर्माण व पाइप के जरिये गांव में प्रत्येक घर को पानी का कनेक्शन देना है. उसके बाद योजना ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को हैंडओवर कर देना है. कुछ गांवों को छोड़ अधिकांश गांव में योजना की नींव तक नहीं रखी गयी है. जिन गांवों में काम चालू हुआ है, वहां केवल जलमिनार बनाकर संवेदकों ने काम धीमा कर दिया है.

केस स्टडी
मोरने गांव में पाइप से तो नहीं निकला पानी, रिसने लगा है टैंक
मोहनपुर प्रखंड के मोरने गांव में राष्ट्रीय ग्रामीण जलापूर्ति कार्यक्रम के तहत लघु सिंचाई योजना से 2013 में बेरिंग कर जलमिनार तैयार किया गया. घर-घर जलापूर्ति के लिए पूरी आधी-अधूरी पाइप बिछायी गयी. लेकिन आज तक पाइप से पानी नहीं आया. बताया जाता है कि बिजली का कनेक्शन भी अब तक नहीं किया गया है. मोरने की मुखिया गुलशन तारा कहती हैं कि पाइप से शुद्ध पानी तो नहीं मिला, लेकिन उदघाटन से पहले ही जलमिनार से पानी रिसने लगा है. टेस्ट के दौरान ही जलमिनार से पानी रिसने लगा था. मुखिया ने कहा कि योजना चालू करने के लिए पीएचइडी के अभियंताओं से कई बार शिकायत की गयी. लेकिन इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई.

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