3 बार विधायक रहे ये नेताजी नहीं बना सके अपने निर्वाचन क्षेत्र में मकान, झारखंड की इस विधानसभा सीट से है कनेक्शन

मधुपर के विधायक रहे डॉ अजीत कुमार बनर्जी अपनी सादगी, ईमानदारी, सिद्धांतों और सरल व्यवहार के कारण काफी प्रसिद्ध थे. अजीत दा ने कभी भी पैसों को महत्व नहीं दिया.

By Kunal Kishore | October 27, 2024 11:36 AM

मधुपुर विधानसभा से जनसंघ व जनता पार्टी में रहते हुए डॉ अजीत कुमार बनर्जी ने तीन बार चुनाव जीता था. डॉ बनर्जी के बारे में यह बात मशहूर थी कि तीन बार विधायक बनने के बाद भी उन्होंने कभी अपना मकान नहीं बनाया. वह इस दौरान भाड़े के मकान में रहते थे.

अजीत दा का जन्म बंगाल के बांकुड़ा में हुआ था

पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले के खतरा गांव के संभ्रांत बंगाली परिवार पंचानन बनर्जी के घर 1925 में अजीत कुमार बनर्जी का जन्म हुआ था. बताया जाता है कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव में ही हुई थी. बाद में होम्योपैथिक चिकित्सा में प्रताप चंद्र मेमोरियल मेडिकल कॉलेज कोलकाता से डिग्री हासिल की थी और वर्ष 1948 में उन्होंने मधुपुर के पीसी मजूमदार चैरिटेबल मेडिकल डिस्पेंसरी में बतौर चिकित्सक योगदान दिया.

श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संपर्क में आए, फिर जनसंघ को मजबूत करने के लिए किया काम

मधुपुर आने से पूर्व ही वर्ष 1947 में वह कोलकाता से ही डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के संपर्क में आ चुके थे. डा. बनर्जी मधुपुर में होम्योपैथिक चिकित्सक के साथ-साथ रंगमंच के सफल कलाकार के रूप में काफी लोकप्रिय थे. भारतीय जनसंघ के संपर्क में आने के बाद डॉ बनर्जी ने उस दौरान मधुपुर में दीनदयाल डालमिया, श्रीधर मिश्र, पूरण भगत, भोलानाथ डालमिया, भोला सर्राफ, हरिभाई पटेल, छट्ठू नापित, यमुना प्रसाद तिवारी, मिथिलेश सिंह, राजेंद्र गुप्ता, रामबाबू चौधरी सहित दर्जनों लोगों के साथ भारतीय जनसंघ को मजबूत करने में सक्रियता से काम किया.

डॉ अजीत सभी संप्रदायों के बीच थे लोकप्रिय

लोग बताते है कि डॉक्टर बनर्जी क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान भी लोगों का मुफ्त में इलाज करते थे. सरल व सहज व्यक्तित्व के कारण सभी जाति, धर्म, संप्रदाय के बीच वह काफी लोकप्रिय हो गये., जिसके बाद 1967, 1969 व 1977 के आम चुनाव में लगातार तीन बार मधुपुर सीट से विधायक चुने गये.

विपक्षी पार्टी के नेता भी डा बनर्जी के सरल व्यवहार और सिद्धांतों के थे कायल

डॉ बनर्जी के बारे में बताया जाता है कि तीन बार विधायक होने के बावजूद डॉ अजीत कुमार बनर्जी मधुपुर में अपना एक घर नहीं बना पाये. वे एसआर डालमिया रोड में भाड़े की कोठी में रहते थे. डॉक्टर साहब की मदद के कई किस्से आज भी लोग याद करते है. प्रबल विरोधी भी डॉ. बनर्जी के व्यक्तित्व के कायल थे. वह प्रसिद्ध लोक सेवक और चिकित्सक के रूप में जाने जाते थे, जो मरीजों का नि:शुल्क इलाज करते थे.

अपने विरोधी प्रत्याशी का किया था इलाज

उनसे जुड़ा मधुपुर विधानसभा क्षेत्र का एक बार का प्रसंग लोगों में उदाहरण बना हुआ है. बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव में डॉ बनर्जी से मात खाने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी चंद्रशेखर साह की तबीयत अचानक बिगड़ गयी. परिणाम आने के बाद रात में ही उनकी तबीयत खराब हो गयी, जब डॉ बनर्जी को जानकारी हुई तो दूसरे दिन सुबह सबसे पहले रिक्शा से वह उनके घर पहुंचे न केवल उनका हालचाल लिया और उनका इलाज कर दवाई भी दी.

नहीं कर पाए बिजली भुगतान, लालटेन के सहारे काटे दिन

अपनी ईमानदारी, सिद्धांतों और सरल व्यवहार के लिए डॉ. बनर्जी काफी प्रसिद्ध थे. पैसे को महत्व नहीं देने के कारण उन्होंने मुश्किलें भी झेली. बिजली बिल का भुगतान समय से नहीं कर पाने पर लालटेन के सहारे रहना पड़ा. चुनाव के समय में ऐसे प्रतिनिधि को लोग याद कर चर्चा करते है और मिसाल देते है.

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