प्रवचन:::: लोगों ने उच्च चेतना की तकनीक का प्रचार किया

प्राचीन विश्व में ध्यान: आज पश्चिम के लोग पूर्व के आध्यात्मिक महापुरुषों से प्रभावित होकर एक बार पुन: नये तरीके से उच्च जीवन तथा ध्यान के विज्ञान को सीख रहे हैं. वास्तव में आज पश्चिम देशों में भारत से भी कहीं अधिक संख्या में लोग ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं और शायद संयुक्त राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2015 6:03 PM

प्राचीन विश्व में ध्यान: आज पश्चिम के लोग पूर्व के आध्यात्मिक महापुरुषों से प्रभावित होकर एक बार पुन: नये तरीके से उच्च जीवन तथा ध्यान के विज्ञान को सीख रहे हैं. वास्तव में आज पश्चिम देशों में भारत से भी कहीं अधिक संख्या में लोग ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं और शायद संयुक्त राज्य अमेरिका में ही तिब्बती बौद्ध धर्म के अनुयायियों की संख्या तिब्बत और एशिया से कहीं अधिक है. यूरोपियन इतिहास के अंधकार युग में अनेक धार्मिक अत्याचार, सांप्रदायिक युद्ध तथा राजनीतिक व वैचारिक संघर्ष हुए. इसके परिणामस्वरूप लोगों तथा उनकी पद्धतियों से संपर्क भंग हो गया. फिर भी पाश्चात्य संस्कृतियों के केंद्र में अनेक स्वस्थ तथा मजबूत आध्यात्मिक परंपरायें थीं, जो कि प्राचीन विश्व की अति विकसित तांत्रिक संस्कृतियों पर आधारित थीं. इन्हीं परंपराओं द्वारा समाज के रहस्यवादी समुदायों और लोगों ने उच्च चेतना की तकनीकों को जाना तथा उनका अभ्यास और प्रचार किया.

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