तपोवन में बना शौचालय व जलमीनार हुआ बेकार

बिजली कनेक्शन भी नहीं पूर्व मंत्री ने जेनरेटर से किया था पेयजलापूर्ति योजना का उदघाटन बोरिंग भी हो गया फेल पाइप कई जगह टूटी देवघर : पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन स्थल तपोवन में निर्मित जलमीनार व शौचालय बेकार पड़ा हुआ है. पर्यटकों को शौचालय व पेयजलाूपर्ति की सुविधा मुहैया कराने के लिए 13 लाख रुपये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2015 9:53 AM
बिजली कनेक्शन भी नहीं
पूर्व मंत्री ने जेनरेटर से किया था पेयजलापूर्ति योजना का उदघाटन
बोरिंग भी हो गया फेल
पाइप कई जगह टूटी
देवघर : पर्यटन विभाग द्वारा पर्यटन स्थल तपोवन में निर्मित जलमीनार व शौचालय बेकार पड़ा हुआ है. पर्यटकों को शौचालय व पेयजलाूपर्ति की सुविधा मुहैया कराने के लिए 13 लाख रुपये की लागत से तपोवन में जलमीनार व शौचालय भवन तैयार तो किया गया, लेकिन विद्युत कनेक्शन इसमें नहीं दिया गया. करीब छह माह पहले तत्कालीन मंत्री सुरेश पासवान ने जेनरेटर से पेयजलापूर्ति का उदघाटन किया.
उदघाटन के दिन कुछ देर तक पाइप से पानी तो आया. लेकिन दूसरे दिन से ही पेयजल व शौचालय के लिए जलापूर्ति ठप हो गयी. बोरिंग भी सही ढंग से नहीं किये जाने पर पानी की सप्लाई उदघाटन के दिन जलमीनार तक नहीं पहुंची. पर्यटन विभाग की इस लापरवाही से अब स्थिति यह है कि पाइप व जलापूर्ति का नल टूटने लगा है. जलमीनार के पाइप को संभालने के लिए कपड़े की डोर लगाया गया है. टूटने-फूटने की सूचना पर पर्यटन पदाधिकारी ने तो निरीक्षण किया लेकिन योजना को चालू करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखायी.
पानी के अभाव में आठ शौचालय बंद
बिजली के अभाव में पम्पसेट चालू नहीं हुआ. इस कारण नया शौचालय उदघाटन के बाद चालू भी नहीं हुआ. शौचालय में चार महिला व चार पुरुष कमरे की व्यवस्था है. पानी के अभाव में पर्यटक इसका प्रयोग नहीं कर पाते हैं. शौचालय में बिंदी मिर्धा व विष्णु मिर्धा को साफ-सफाई के लिए लगाया गया है. विशेष परिस्थिति में चापानल से पानी भरकर शौचालय में कर्मियों द्वारा रखा जाता है. उसके बाद ही प्रयोग हो पाता है. कर्मियों को मानदेय भी कई माह से नहीं मिला है.
20 लाख का भवन भी जर्जर
पर्यटन विभाग से करीब 33 लाख रुपये की लागत से पर्यटन विभाग का विश्रमालय भी जर्जर हो चुका है. विश्रमालय में लगाये गये गेट व ग्रील की गुणवत्ता भी सही नहीं है. विश्रमालय का रख-रखाव सही ढंग से नहीं हो रहा है.
लाखों खर्च होने के बाद भी बेकार पड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन की जांच की मांग स्थानीय मुखिया सरललता देवी ने डीसी व वर्तमान विधायक नारायण दास से भी की थी. लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है व योजना जस की तस पड़ी हुई है.

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