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माघी पूर्णिमा मेला: आदिवासियों का महा कुंभ

प्रतिनिधि, राजमहलऐतिहासिक नगरी राजमहल को उत्तर वाहिनी गंगा प्रवाहित होने का गौरव प्राप्त है. प्रतिवर्ष उत्तर वाहिनी गंगा में माघ पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान व पूजा अर्चना करने से लोगों के पाप धुल जाते हैं. प्राचीन शहर राजमहल का गौरवशाली इतिहास वर्षों पुराना है. यह नगरी विभिन्न सांस्कृतिक का संगम है. ये शहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 3, 2015 7:02 PM

प्रतिनिधि, राजमहलऐतिहासिक नगरी राजमहल को उत्तर वाहिनी गंगा प्रवाहित होने का गौरव प्राप्त है. प्रतिवर्ष उत्तर वाहिनी गंगा में माघ पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान व पूजा अर्चना करने से लोगों के पाप धुल जाते हैं. प्राचीन शहर राजमहल का गौरवशाली इतिहास वर्षों पुराना है. यह नगरी विभिन्न सांस्कृतिक का संगम है. ये शहर विभिन्न धर्मों का आपसी प्यार व भाइचारे का संदेश देता है. राजमहल के ऐतिहासिक विरासत सर्व धर्म समभाव के आदर्श अनुरूप सूर्यदेव मंदिर के एकदम करीब अकबरी मसजिद तथा कन्हैयास्थान नाट्यशाला के निकट पीर मजार इसका उदाहरण है. ऐतिहासिक धरोहरों में मुगलकालीन शासकों द्वारा बनायी गयी, जामी मसजिद तथा गंगा तट पर बनाया गया सिंघीदलान प्राचीन स्मृति का जीवंत उदाहरण है.————————-राजमहल 2 फरवरीफोटो है : 5-एैतिहासिक सिंघदलान अभिजीत रक्षित

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