बीआरजीएफ की राशि मुखिया व पंचायत सेवक के संयुक्त खाते में भेजी गयी थी. लेकिन कई प्रखंडों में राशि भेजे हुए एक माह बाद भी खर्च नहीं हुई है. बीआरजीएफ की इस राशि से सड़क व नाला का निर्माण करना था. पिछले दिनों डीडीसी संजय कुमार सिंह ने कई प्रखंडों में बीआरजीएफ की समीक्षा में पाया कि जिले भर में 70 फीसदी पंचायतों ने बीआरजीएफ की राशि खर्च नहीं की है. कई जगह योजनाओं पर काम भी चालू नहीं किया गया है.
कई पंचायत के खाते में राशि ज्यों का त्यों पड़ा हुआ है. डीडीसी ने सभी बीडीओ को इसमें जिम्मेवार ठहराते हुए लगातार पंचायतों के कार्यो में मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया है. अगर राशि समय पर खर्च नहीं हुई तो पंचायतों में बीआरजीएफ का अगले वित्तीय वर्ष का आवंटन रुक सकता है. इससे पंचायत सड़क व नाला की योजना से वंचित हो सकती है.