परदे के पीछे दो दर्जन लोग निभाते हैं मुख्य भूमिका

संवाददाता, देवघरधार्मिक नगरी की पहचान बनती जा रही शिव बरात में शहर के लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती है. इसमें प्रत्यक्ष भूमिका वाले को तो दर्शक देख लेते हैं. लेकिन कई लोग अप्रत्यक्ष रूप से मदद करते हैं. जिनको लोग देख नहीं पाते. ये लोग शिव बरात में बने भूत, प्रेत, साधु, देवता आदि सजाते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2015 9:04 PM

संवाददाता, देवघरधार्मिक नगरी की पहचान बनती जा रही शिव बरात में शहर के लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती है. इसमें प्रत्यक्ष भूमिका वाले को तो दर्शक देख लेते हैं. लेकिन कई लोग अप्रत्यक्ष रूप से मदद करते हैं. जिनको लोग देख नहीं पाते. ये लोग शिव बरात में बने भूत, प्रेत, साधु, देवता आदि सजाते हैं. इस संबंध में शिवरात्रि महोत्सव समिति के महामंत्री ताराचंद जैन ने कहा कि शिव बरात के पात्रों को सजाने में दो दर्जन लोग रहते हैं. उनकी भूमिका बरात के दिन महत्वपूर्ण रहती है. सभी लोग दिनभर सब काम छोड़ कर पात्रों को सजाने में जुट जाते हैं. इसमें समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सह मुख्य कलाकार मार्कण्डे जजवाड़े उर्फ पुटरू, ज्ञानानंद झा, सुनील अग्रवाल, अजीतानंद झा, अर्जुन श्रीवास्तव, पिनाकी बनर्जी, नरेंद्र पंजीयारा, पवन रॉय, भानु श्री, हरदेव, सिकंदर, सुनील राय, सुनील झा, प्रतीक खोवाला, जीतेंद्र भारती, सदाशिव सरेवार, प्रकाश सरेवार, पंकज झा, जोगन झा, बाबा खवाड़े, प्रदीप मोहन झा, संजय कर्म्हे, गुणेश झा, लक्ष्मण राउत, बंटी कर्म्हे, नन्हें आदि मुख्य रूप से शामिल हैं.

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