खतरनाक करतब के सहारे करते हैं लोगों का मनोरंजन
देवघर: भारत सरकार ने चौदह वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कानून बनाया है. एक अप्रैल 2013 से शिक्षा का अधिकार कानून को पूरे भारत वर्ष में सख्ती से लागू भी कर दिया गया है. बावजूद तीर्थ नगरी देवघर में मासूम पेट की खातिर खतरनाक स्टंट कर लोगों […]
देवघर: भारत सरकार ने चौदह वर्ष तक के बच्चों को अनिवार्य रूप से शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कानून बनाया है. एक अप्रैल 2013 से शिक्षा का अधिकार कानून को पूरे भारत वर्ष में सख्ती से लागू भी कर दिया गया है. बावजूद तीर्थ नगरी देवघर में मासूम पेट की खातिर खतरनाक स्टंट कर लोगों का मनोरंजन करते नजर आते हैं.
यह नजारा देवघर में चल रहे विश्व प्रसिद्ध श्रवणी मेले में कांवरिया पथ में सहज रूप से दिख जाता है. जान जोखिम में डाल कर स्टंट करने वाले मासूम लाठी के सहारे एक रस्सी द्वारा एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचते हैं तो तालियां बजने लगती और गिने चुने लोग पैसा भी फेंकते नजर आते हैं. लेकिन, इस स्टंट को रोकने वाला एवं मासूम की मासूमियत बरकरार रहे. इस ओर किसी की नजर नहीं है.
आज हम भले ही गर्व से कहे कि 21वीं सदी के दूसरे दशक में हमलोग चांद पर पहुंचने लगे हैं. हम भारतीय भी दुनिया से टक्कर लेने का माद्दा रखने लगे हैं. लेकिन, सच तो यह है कि आज भी पेट की ‘आग’ से मासूम अब भी महरूम नहीं हैं.