बाजार में औने-पौने दर पर बिक गया धान

देवघर: किसानों के मेहनत व खून-पसीने की कमाई धान बाजार में औने-पौने पर बिकने के बाद रघुवर सरकार को किसानों की याद आयी. जो धान क्रय केंद्र दिसंबर तक खुल जानी थी. वह धान क्रय केंद्र नयी सरकार गठन के बाद जनवरी व फरवरी के तीसरे सप्ताह तक नहीं खुल पायी है. सरकार ने अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2015 9:31 AM
देवघर: किसानों के मेहनत व खून-पसीने की कमाई धान बाजार में औने-पौने पर बिकने के बाद रघुवर सरकार को किसानों की याद आयी. जो धान क्रय केंद्र दिसंबर तक खुल जानी थी. वह धान क्रय केंद्र नयी सरकार गठन के बाद जनवरी व फरवरी के तीसरे सप्ताह तक नहीं खुल पायी है.
सरकार ने अब धान क्रय केंद्र खोलने की प्रक्रिया शुरू की है. जिला सहकारिता विभाग ने जिले में 66 पैक्सों को धान क्रय केंद्र खोलने के लिए चिह्न्ति किया है. जिला सहकारिता पदाधिकारी सुशील कुमार ने सोमवार को धान केंद्र की सूची अपने विभाग के उच्चाधिकारी को सौंपा. अब बुधवार को डीसी से इसका अनुमोदन लिया जायेगा. जबकि केंद्र सरकार के एफसीआइ ने एफएसडी (जसीडीह) एक धान क्रय केंद्र खोला है.

किसानों के लिए सरकार ने 10 जनवरी को 1360 रुपये प्रति क्विंटल (साधारण धान) व 1400 रुपये प्रति क्विंटल (उत्तम धान) का दर तय किया है. इस बीच किसानों का धान खुले बाजार में औने-पौने दर पर बिक चुका है. खुले बाजार में एक हजार से 1100 रुपये प्रति क्विंटल धान की बिक्री हुई. किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो गया. इससे किसान को मुनाफा के बजाय सीधे पूंजी पर असर पड़ा है.

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