लाइट एंड साउंड सिस्टम के साथ

शो में दिखायी गयी शिव की महिमाइस शो में 20 मिनट तक शिव महिमा दिखायी गयी. इसके पहले चरण में रावण का शिव प्रेम दिखाया गया, जबकि दूसरे चरण में शिव व सती की कहानी दिखायी गयी है. रावण अपने मां की वाणी से प्रभावित होकर कैलाश पर्वत से शिवलिंग लाने के लिए भोलेबाबा को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2015 12:06 AM

शो में दिखायी गयी शिव की महिमाइस शो में 20 मिनट तक शिव महिमा दिखायी गयी. इसके पहले चरण में रावण का शिव प्रेम दिखाया गया, जबकि दूसरे चरण में शिव व सती की कहानी दिखायी गयी है. रावण अपने मां की वाणी से प्रभावित होकर कैलाश पर्वत से शिवलिंग लाने के लिए भोलेबाबा को प्रसन्न करते हैं. वहां से सशर्त जाने के लिए बाबा तैयार हो जाते हैं. शर्त के अनुसार रास्ते में कहीं भी जमीन पर नहीं रखना है. बीच रास्ते में रावण को लघु शंका लग जाती है. वह ब्राह्मणवेशधारी भगवान विष्णु के हाथ में शिवलिंग को देते हैं. लघु शंका में देर होते देख शिवलिंग को जमीन पर रख दिया जाता है. उसके बाद से ही बााबा बैद्यनाथधाम में प्रतिष्ठापित हो जाते हैं. बाबा ने रावण को आशीर्वाद दिया कि यह द्वादश ज्योतिर्लिंग रावणेश्वर बाबा के नाम से जाना जायेगा. दूसरे चरण में सती अपने पिता घर जाती है. वहां यज्ञ में शिव को आमंत्रित नहीं करने पर हवन कुंड में अपना शरीर त्याग देती है. शिव सती के मृत शरीर को लेकर तांडव करते हैं. भगवान विष्णु अपने चक्र से सती के शरीर के 52 टुकड़े कर देते हैं. यह 52 पीठ के नाम से प्रसिद्ध होता है. देवघर में माता सती का हृदय गिरा है. यह हृदयापीठ के नाम से प्रचलित हुआ. इसे ही लाइट एंड साउंड के माध्यम से दिखाया गया है.

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