बाबा का बुलावा आया और मैं आ गया : रंजीत रजवाड़ा

फोटो सुभाष के फोल्डर में सारेगामापा के विजेता सह जयपुर निवासी गजल गायक रंजीत रजवाड़ा ने कहा कि झारखंड में कई बार आने का मौका मिला है. खासकर रांची व जमशेदपुर तीन-चार बार आया हूं. यहां पहली बार आया. नटराज की नगरी में बिना बाबा के बुलावे का कोई नहीं आ सकता है. यहां आने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2015 12:04 AM

फोटो सुभाष के फोल्डर में सारेगामापा के विजेता सह जयपुर निवासी गजल गायक रंजीत रजवाड़ा ने कहा कि झारखंड में कई बार आने का मौका मिला है. खासकर रांची व जमशेदपुर तीन-चार बार आया हूं. यहां पहली बार आया. नटराज की नगरी में बिना बाबा के बुलावे का कोई नहीं आ सकता है. यहां आने की कई बार इच्छाएं हुई, लेकिन बुलावा नहीं आया था. यहां कला के कद्रदान हैं. सुबह में बाबा का दर्शन-पूजा कर आशीर्वाद लिया है. एक सवाल के जवाब में कहा कि लोगों का गजल की ओर रुझान शुरू हो चुका है. वह दिन दूर नहीं है, जब घर-घर गजल सुननेवाले मिल जायेंगे. उन्होंने कहा कि गजल दिल की अंदर की गहराई को छूती है. पैसे के लिए नहीं अपनी सभ्यता व संस्कृति को बचाने के लिए गजल की ओर आया हूं. संगीत को आगे ले जाना है. गजल को कुछ देना चाहता हूं. अपनी विरासत को बचाने के लिए नयी पीढ़ी को गजल से जोड़ना चाहते हैं. उसके दिल में गजल के प्रति लगाव पैदा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उनका तेरे ख्याल से, रंजीत रजवाड़ा गजल व मस्तमौला अलबम निकल चुका है. चौथा पैगाम निकलनेवाला है. इसमें कुल छह गजल हैं. सभी गजल प्यार-मोहब्बत से जुड़ा है.

Next Article

Exit mobile version