प्रस्ताव पारित किये बगैर तालाबों का हुआ चयन !

देवघर: कृषि विभाग (भूमि संरक्षण कार्यालय) से बंजर भूमि विकास योजना के तहत 1.47 करोड़ रुपये के 10 तालाबों के चयन में नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है. इस पर जिला परिषद सदस्य भूतनाथ यादव व सुशील कंचन ने डीडीसी संजय कुमार सिंह से मिलकर आपत्ति दर्ज करायी है. जिप सदस्यों ने आरोप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 11, 2015 11:29 AM
देवघर: कृषि विभाग (भूमि संरक्षण कार्यालय) से बंजर भूमि विकास योजना के तहत 1.47 करोड़ रुपये के 10 तालाबों के चयन में नियमों की अनदेखी का मामला सामने आया है. इस पर जिला परिषद सदस्य भूतनाथ यादव व सुशील कंचन ने डीडीसी संजय कुमार सिंह से मिलकर आपत्ति दर्ज करायी है. जिप सदस्यों ने आरोप लगाया है कि जिला परिषद की बैठक में पारित किये बगैर 10 तालाबों की सूची जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने तैयार कर भूमि संरक्षण कार्यालय भेज दी गयी है.

योजना के गाइडलाइन के अनुसार तालाबों के चयन में जिला परिषद से अनुमोदन अनिवार्य है. सदस्यों ने आरोप लगाया है कि प्रत्येक जिला परिषद सदस्य द्वारा अपने-अपने क्षेत्र से एक तालाब के स्थल के नाम की सूची जिला परिषद की बैठक में सौंपना था. उसके बाद जिला परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से सूची का अनुमोदन कर प्रस्ताव पारित किया जाना था. लेकिन जिला परिषद की बैठक में प्रस्ताव पारित किये बगैर 10 तालाबों की सूची भूमि संरक्षण कार्यालय को सौंप दिया गया व चार मार्च को उपायुक्त की अध्यक्षता में इसकी स्वीकृति दी गयी.

वंचित क्षेत्र में करना था तालाब का चयन
भूतनाथ यादव व सुशील कंचन ने कहा कि जनवरी में जिला परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया था कि बंजर भूमि विकास योजना के तहत जिस जिला परिषद सदस्य क्षेत्र में पिछले वित्तीय वर्ष में तालाब का निर्माण नहीं हुआ था, उन वंचित जिप सदस्य के क्षेत्र में इस वित्तीय वर्ष में तालाब का चयन किया जायेगा. लेकिन बैठक के प्रस्ताव से यह विषय ही हटा दिया गया है और बगैर प्रस्ताव पारित किये 10 तालाबों का चयन मनमाने ढंग से कर लिया गया.
‘ जिप की बैठक में 18 तालाबों का प्रस्ताव पारित किया गया था. यह 18 तालाब की सूची भूमि संरक्षण कार्यालय को भेजा गया. राज्यादेश के आधार पर उपयोगिता के अनुसार विभाग ने प्रत्येक प्रखंड से 10 तालाबों का चयन किया, जिसे उपायुक्त द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है. तालाबों के चयन में सभी नियमों को ध्यान में रखा गया है. राज्यादेश में संबंधित क्षेत्र में जिप सदस्यों द्वारा तालाब की सूची सौंपने जैसी बात का कोई उल्लेख नहीं है. सारे आरोप बेबुनियाद है’
– परिमल सिंह, उपाध्यक्ष, जिला परिषद, देवघर

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