प्रवचन::: स्टोनहेंज मंदिर वेधशाला का काम करता था

स्टोनहेंज का मंदिर भी संभवत: उसी उद्देश्य की पूर्ति करता था जिसके लिए प्राचीन मिस्त्र के महान पिरामिडों का निर्माण हुआ था. यह मंदिर नक्षत्रीय वेधशाला तथा दीक्षा-केंद्र का काम करता था. समूचा विशाल मंदिर एक मंडल जैसा है जो आध्यात्मिक ऊर्जा का निर्माण तथा चेतना के रूपांतरण का काम करता था. इस मंदिर में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2015 7:03 PM

स्टोनहेंज का मंदिर भी संभवत: उसी उद्देश्य की पूर्ति करता था जिसके लिए प्राचीन मिस्त्र के महान पिरामिडों का निर्माण हुआ था. यह मंदिर नक्षत्रीय वेधशाला तथा दीक्षा-केंद्र का काम करता था. समूचा विशाल मंदिर एक मंडल जैसा है जो आध्यात्मिक ऊर्जा का निर्माण तथा चेतना के रूपांतरण का काम करता था. इस मंदिर में अंग्रेजी के यू अक्षर के आकार की दो आकृतियों को पत्थर के दो वृत्तों द्वारा घेरा गया है. पूरा मंदिर एक खाई द्वार घिरा है. इस मंदिर की निर्माण शैली आकाश में ग्रहों के आपसी अंतर्संबंधों के अनुरूप है. इसका निर्माण कार्य इतना बारीक तथा नाजुक था कि अन्वेषकों को इसका पता अभी हाल में ही लगा है.

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