प्रवचन::::कठिन परीक्षा से गुजर कर ही साधक बनते हैं

ऐसी ही कठिन परीक्षा में साधक को एक खुली छोटी नाव में समुद्र के तूफान का सामना करने के लिए भेजा जाता था, परंतु अनेक तो लौटते ही नहीं थे. अन्य परीक्षा में साधक को भ्रम उत्पादक जड़ी-बूटियों तथा कुकुरमुत्ता आदि से बने मादक-द्रव्यों का बड़ी मात्रा में सेवन कराया जाता था. फिर उन्हें रात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2015 5:03 PM

ऐसी ही कठिन परीक्षा में साधक को एक खुली छोटी नाव में समुद्र के तूफान का सामना करने के लिए भेजा जाता था, परंतु अनेक तो लौटते ही नहीं थे. अन्य परीक्षा में साधक को भ्रम उत्पादक जड़ी-बूटियों तथा कुकुरमुत्ता आदि से बने मादक-द्रव्यों का बड़ी मात्रा में सेवन कराया जाता था. फिर उन्हें रात भर अकेले गुफा में बंद कर दिया जाता था. यह साधक को उसके मन में उत्पन्न होने वाले पैशाचिक तथा भययुक्त मानसिक स्वरूपों का सामना करने एवं उन पर विजय पाने के लिए किया जाता था. यह कर्मकांड कुछ विशेष तांत्रिक तथा तिब्बती साधना से बहुत कुछ मिलता-जुलता है. यह पूर्व अध्याय में वर्णित आधुनिक इंद्रियानुभव हरण करने वाले कुंडों की तकनीक से भी मिलता-जुलता है. इन कठिन परीक्षाओं में सफल स्नातकों की शारीरिक, मानसिक तथा बौद्धिक रूप से उपयुक्त ड्रू इड स्वीकार किया जाता था.

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