अधूरा मैरिज हॉल कर दिया गया हैंडओवर

जसीडीह: देवघर प्रखंड के केनमनकाठी गांव में लाखों रुपये की लागत से बना मैरिज हॉल बेकार पड़ा है. ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. इसका कारण है कि मैरिज हॉल तो बना दिया गया लेकिन इसमें बिजली-पानी आदि की व्यवस्था नहीं की गयी है. जानकारी के अनुसार सांसद की अनुशंसा पर जिले के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 17, 2015 9:26 AM
जसीडीह: देवघर प्रखंड के केनमनकाठी गांव में लाखों रुपये की लागत से बना मैरिज हॉल बेकार पड़ा है. ग्रामीणों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. इसका कारण है कि मैरिज हॉल तो बना दिया गया लेकिन इसमें बिजली-पानी आदि की व्यवस्था नहीं की गयी है. जानकारी के अनुसार सांसद की अनुशंसा पर जिले के केनमनकाठी सहित 17 स्थानों में मैरिज हॉल की स्वीकृति दी गयी है.

इसमें मात्र दो ही मैरिज हॉल का निर्माण पूर्ण हुआ है. वर्ष 2013 में नयी दिल्ली की अलटिफ टेलीकम्यूनिकेशन प्रालि ने करीब 13.75 लाख रुपये की लागत से मैरिज हॉल (दो कमरा सहित शौचालय आदि) निर्माण कार्य शुरू कर 2014 में पूरा किया गया. लेकिन इस भवन में पेयजल, बिजली आदि की सुविधाएं नदारद है.

इसके कारण ग्रामीण मैरिज हॉल का उपयोग नहीं कर पाते हैं. ग्रामीण नवीन सिंह, रोशन सिंह, विजय सिंह, करण सिंह, भानु प्रताप सिंह, पुनित सिंह, प्रकाश कुमार सिंह, सुनील कुमार सिंह, संजीव कुमार सिंह, अमन सिंह आदि ने बताया कि सांसद निधि से केनमनकाठी गांव में बनाये गये मैरिज हॉल में शौचालय कार्य अधूरा है. जबकि बिजली-पानी की भी सुविधाएं नहीं है. इसके कारण इस मैरिज हॉल की सुविधाएं ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही है. लोगों ने डीसी से मैरिज हॉल में बिजली, पानी, शौचालय आदि की सुविधाएं मुहैया कराने की गुहार लगायी है.

कंपनी को हो चुका है भुगतान
कंपनी ने छह माह पूर्व विभाग को मैरिज हॉल हेंडओवर कर दिया है. उसके बाद देवघर के बीडीओ ने केनमनकाठी के मुखिया को भवन हेंडओवर किया गया. कंपनी को शौचालय के एवज में राशि का भुगतान भी सांसद निधि से हो चुका है.
दो मैरिज हॉल का निर्माण एनआरइपी से कराया गया था. एनआरइपी के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता की रिपोर्ट पर कंपनी को भुगतान कर केनमनकाठी का मैरिज हॉल मुखिया को हेंडओवर कर दिया गया था. कंपनी ने शौचालय पूरा क्यों नहीं किया, इससे संबंधित फाइल का आवोलकन किया जायेगा. उसके बाद अगली कार्रवाई की जायेगी.
– राजीव रंजन सिन्हा, डीपीओ, देवघर

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