प्रवचन ::: ड्रूइड में ज्ञान का प्रतीक था हरा रंग

उन्हें ड्रूइड पंथ के अत्यंत गुहृय सत्यों को ग्रहण करने योग्य पुरोहित माना जाता है. ऐसे ही महान लोग प्राचीन ब्रिटेन तथा गॉल (फ्रांस) के प्रशासक थे. वे धार्मिक तथा राजनैतिक जीवन में भाग लेते थे. उन्हें जनता का आदर तथा विश्वास प्राप्त था. इस प्रकार किसी समय ब्रिटेन तथा फ्रांस में बुद्धि तथा सूझ-बूझ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2015 7:03 PM

उन्हें ड्रूइड पंथ के अत्यंत गुहृय सत्यों को ग्रहण करने योग्य पुरोहित माना जाता है. ऐसे ही महान लोग प्राचीन ब्रिटेन तथा गॉल (फ्रांस) के प्रशासक थे. वे धार्मिक तथा राजनैतिक जीवन में भाग लेते थे. उन्हें जनता का आदर तथा विश्वास प्राप्त था. इस प्रकार किसी समय ब्रिटेन तथा फ्रांस में बुद्धि तथा सूझ-बूझ पर आधारित सरकार स्थापित थी. ड्रूइड की दीक्षा तीन स्तरों में विभक्त थी. प्रथम तथा निम्न दीक्षा मानद् थी. यह उन सभी साधकों को प्रदान की जाती थी, जिनमें क्षमता, ज्ञान तथा जीवन के प्रति अच्छी समझ-बूझ होती थी. इसके लिये किसी खास शुद्धि अथवा तैयारी की आवश्यकता नहीं थी. ऐसे दीक्षितों को ‘ऑवेट’ कहते थे. उनकी वेशभूषा हरे रंग की होती थी. हरा रंग ड्रूइड में ज्ञान का प्रतीक था. ऑवेटों की औषधि, खगोल विद्या तथा संगीत का अच्छा ज्ञान होता था. संभवत: वे समाज में रहते थे.

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