21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले के 360 चिकित्सक रहे कार्य बहिष्कार पर, 6743 मरीजों का नहीं मिला इला

घटना के खिलाफ राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के आह्वान पर देवघर जिले के चिकित्सकों ने 24 घंटे का कार्य बहिष्कार किया. इस कारण जिले भर में ओपीडी सेवाएं बंद रहीं.

संवाददाता, देवघर.

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला चिकित्सक की दुष्कर्म के बाद नृशंस हत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस घटना के खिलाफ राष्ट्रीय भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के आह्वान पर देवघर जिले के चिकित्सकों ने 24 घंटे का कार्य बहिष्कार किया. यह बहिष्कार शनिवार की सुबह 6 बजे से लेकर रविवार की सुबह तक के लिए था. इस दौरान जिले के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी सेवाएं बंद रहीं. हालांकि, इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा गया ताकि गंभीर मरीजों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सके. देवघर के इस विरोध-प्रदर्शन में आइएमए और झासा के कुल 360 चिकित्सकों ने भाग लिया. उनके साथ आयुष चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मचारी भी खड़े रहे, जिससे जिले के विभिन्न अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रहीं. इस वजह से लगभग 6743 मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल सकीं और उन्हें वापस लौटना पड़ा. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, सदर अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 600 मरीजों की जांच और इलाज होता है, वहीं एम्स में करीब 1200 मरीजों को ओपीडी सेवाएं मिलती हैं. जिले के अन्य अनुमंडल अस्पतालों और सीएचसी में भी रोजाना करीब पांच हजार मरीजों का इलाज होता है. लेकिन इस कार्य बहिष्कार के कारण, न केवल ओपीडी सेवाएं प्रभावित हुईं, बल्कि कुछ अस्पतालों में माइनर ऑपरेशन भी टाल दिये गये, जिससे मरीजों और उनके परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा. डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यापक प्रभाव डाला, और यह स्थिति शनिवार की सुबह से लेकर रविवार की सुबह तक बनी रही.

इमरजेंसी मरीजों का ही हुआ इलाज

ओपीडी बंद रहने के कारण जेनरल मरीजों का ओपीडी में इलाज नहीं हो सका. इस दौरान हजारों मरीजों को बगैर इलाज के वापस लौटना पड़ा. वहीं सरकारी और गैर सरकारी अस्पताल में सिर्फ गंभीर रूप से घायल या बीमार मरीजों का इलाज हुआ. इसके अलावा गर्भवति महिलाओं का डिलेवरी व सीजर ही किया गया. ताकि गर्भवति महिलाओं को सुविधा मिल सके. इसके अलावा अस्पतालों के आइसीयू, वार्मर, एसएनसीयू वार्ड में भर्ती मरीजों को ही स्वास्थ्य सुविधा मिल पाया. इसके अलावा जिले के कुछ अस्पतालों में चिकित्सकों ने माइनर ऑपरेशन को भी टाल दिया, इस कारण मरीजों को काफी परेशानी हुई.

कई निजी अस्पतालों के गेट पर लटका रहा ताला, निराश हो लौटे परिजन

चिकित्सकों के 24 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार के कारण जिले के कई चिकित्सकों ने अपने क्लिनिकों व अस्पतालों पर गेट का ताला जड़ा हुआ रहा. सभी अस्पतालाें के बाहर घटना को लेकर चिकित्सकों का 24 घंटे के कार्य बहिष्कार को लेकर नोटिस देते हुए ताला लगा हुआ रहा. जबकि, कुछ अस्पतालों के बाहर नोटिस लगा हुआ था, लेकिन इमरजेंसी मरीजों का इलाज जारी रहा. क्लिनिक व अस्पताल में ताला लटकने के कारण मरीज अस्पताल के गेट से वापस लौट जा रहे थे.

—————————————————————

कोलकाता में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म व हत्या से गुस्साये देवघर के 360 चिकित्सक कार्य बहिष्कार पर

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें