प्रवचन :::: ध्यान से करते थे सत्य की खोज

ये आम लोगों के साथ न ही व्यापार करते थे, न गुलाम रहते थे. यहूदियों की तरह ये लोग मूसा के नियमों को सम्मान देते थे. परंतु सत्य की खोज ध्यान द्वारा करते थे. कट्टर पादरियों के शासन में संभवत: इनकी आस्था नहीं थी. इनके ध्यान का प्रतीक सूर्य था, जो सबको जीवन तथा प्रकाश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2015 4:02 PM

ये आम लोगों के साथ न ही व्यापार करते थे, न गुलाम रहते थे. यहूदियों की तरह ये लोग मूसा के नियमों को सम्मान देते थे. परंतु सत्य की खोज ध्यान द्वारा करते थे. कट्टर पादरियों के शासन में संभवत: इनकी आस्था नहीं थी. इनके ध्यान का प्रतीक सूर्य था, जो सबको जीवन तथा प्रकाश देता था. जादू तथा विज्ञान में इन्हें रुचि थी. ये फरिश्तों और उच्च आत्माओं पर भी ध्यान करते थे क्योंकि ये उन्हें स्वयं तथा ईश्वर के बीच बिचौैलिये के रूप में देखते थे.इस समुदाय में प्रवेश के लिये कठिन परीक्षणों से गुजरना होता था. ध्यान की लंबी साधना के बाद इन्हें ज्ञान प्रदान किया जाता था. इस समुदाय के लोग तितिक्षा, पवित्रता तथा भ्रातृ भावना के लिये विख्यात थे.

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