देवघर, अजय यादव: झारखंड के देवघर की बेटी छोटी कुमारी ने राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जीत कर इतिहास रच दिया. उसने झारखंड को लॉन बॉल के महिला सिंगल्स में पहली बार स्वर्ण पदक दिलाया है. गोवा में चल रहे 37वें राष्ट्रीय खेल में छोटी ने लॉन बॉल महिला एकल स्पर्धा में दिग्गजों को मात देकर गोल्ड मेडल हासिल किया है. उन्होंने यह सफलता मात्र 20 वर्ष की उम्र में ही हासिल की. उसकी यह सफलता इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने विपरीत परिस्थिति में यह मुकाम हासिल की है. उसके पिता किराने की दुकान चलाते हैं. पूरे इवेंट में शानदार खेल दिखाते हुए छोटी ने केवल दिल्ली से एक मैच हारने के बाद चैंपियन बनने तक का सफर पूरा किया. सेमीफाइनल में असम की अर्जुन अवार्डी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नायनमनी साकिया को 13-21 से पराजित कर फाइनल में जगह बनायी. फाइनल मैच में अपना लय बरकरार रखते हुए छोटी ने पश्चिम बंगाल की खिलाड़ी को 13-21 से पराजित कर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया.
पिता ने कहा कि हमारे परिवार का नाम रोशन किया
छोटी के पिता शंभु कुमार गुप्ता ने कहा कि मेरी तीन बेटियां हैं. सभी अपनी मेहनत की बदौलत आगे बढ़ रही हैं. छोटी ने राष्ट्रीय खेल में गोल्ड मेडल जीत कर परिवार का नाम रोशन किया है. इस खुशी को मैं शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा हूं.
Also Read: झारखंड के एक युवक की रातोंरात बदल गयी किस्मत, ऐसे बन गया करोड़पति
जीतने के बाद क्या बोली छोटी
महिला एकल स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीत कर छोटी काफी उत्साहित है. उन्होंने कहा कि उसे यह उपलब्धि बाबा बैद्यनाथ के आशीर्वाद से मिली है. उन्होंने कहा कि मेरे परिवार खासकर माता-पिता, बड़ी बहन व भाई ने बहुत मुझे आगे बढ़ाने के लिए काफी त्याग किये हैं. इसके लिए मैं उनका ताउम्र शुक्रगुजार रहूंगी.
कोच ने बताया कड़ी मेहनत का नतीजा
छोटी के देवघर के कोच आशीष झा व झारखंड प्रांत के कोच डॉ मधुकांत पाठक ने बताया कि ये किसी भी खिलाड़ी के लगातार मेहनत का नतीजा है कि आज हमारा प्रदेश स्वर्ण पदक जीतने में सफल हो सका. सरकार से हमारी मांग है कि देवघर में भी लॉन बॉल का मैदान बने, ताकि और भी खिलाड़ी जिले से निकल कर बाहर आ सके. कड़ी मेहनत से वह देवघर जिला की पहली खिलाड़ी बनी, जिसने राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जीने में सफलता प्राप्त की.
ये सफलता कड़ी मेहनत का नतीजा
छोटी के देवघर के कोच आशीष झा व झारखंड प्रांत के कोच डॉ मधुकांत पाठक ने बताया कि ये किसी भी खिलाड़ी के लगातार मेहनत का नतीजा है कि आज हमारा प्रदेश स्वर्ण पदक जीतने में सफल हो सका. सरकार से हमारी मांग है कि देवघर में भी लॉन बॉल का मैदान बने ताकि और भी खिलाड़ी जिले से निकल कर बाहर आ सकें. कड़ी मेहनत से वह देवघर जिले की पहली खिलाड़ी बनी, जिसने राष्ट्रीय खेल में स्वर्ण पदक जीने में सफलता प्राप्त की.