छात्र शासन व्यवस्था के भविष्य हैं : प्रो गंगोपाध्याय

देवघर: एएस कॉलेज के सभागार में राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से एक सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार का विषय था-लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां. उक्त विषय पर महाविद्यालय के प्राचार्य सह विशिष्ट अतिथि प्रो गौरव गंगोपाध्याय ने कहा कि किसी राष्ट्र के समुचित विकास के लिए सफल लोकतंत्र ही एक मात्र विकल्प है. लोकतंत्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2015 8:25 AM
देवघर: एएस कॉलेज के सभागार में राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से एक सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार का विषय था-लोकतंत्र के समक्ष चुनौतियां. उक्त विषय पर महाविद्यालय के प्राचार्य सह विशिष्ट अतिथि प्रो गौरव गंगोपाध्याय ने कहा कि किसी राष्ट्र के समुचित विकास के लिए सफल लोकतंत्र ही एक मात्र विकल्प है.

लोकतंत्र की सफल शासन प्रणाली में जनता की सहभागिता काफी अहम है. आज के इस शासन व्यवस्था का भविष्य छात्र-छात्रएं हैं. प्राचार्य ने छात्रों को वर्ग में उपस्थित बढ़ाने पर जोर दिया तथा विवाद, क्विज आदि प्रतियोगिता में भाग लेने को कहा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर उपस्थिति नहीं रही तो परीक्षा प्रपत्र भरने में छात्रों को परेशानी हो सकती है.

लोकतंत्र के समक्ष हैं कई चुनौतियां : डॉ राय
विषय प्रवेश कराते हुए विभागाध्यक्ष डॉ पीके राय ने कहा कि लोकतंत्र के समक्ष गरीबी, अशिक्षा, पैसा, लोभ-लालच, आतंकवाद जैसी चुनौतियां है और इनका सामना हम सबों को मिलकर करना है और तभी सफल लोकतंत्र की हम कल्पना कर सकते हैं.
अशिक्षा को समाप्त करना होगा : डॉ द्विवेदी
सेमिनार में इतिहास विभाग के डॉ एनके द्विवेदी ने लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती अशिक्षा को बताया. सभी चुनौतियों के सामने शिक्षा की लंबी लकीर खींचकर अशिक्षा को समाप्त करने पर बल दिया.
भारतीय लोकतंत्र विश्व में सबसे सशक्त : डॉ सिंह
हिंदी विभाग के डॉ राहुल सिंह ने कहा कि सेमिनार में जिस चुनौती की बात की गयी है उसमें उसके लिए हम सभी भागीदार हैं और आवश्यकता है कि जिन मुद्दों पर जनप्रतिनिधि चुनाव जीते हैं वे इसका निर्वहन करें. डॉ सिंह ने किसानों द्वारा आत्मदाह किये जाने को खेदजनक बताया. कार्यक्रम के संयोजक डॉ टीपी सिंह ने कहा कि तमाम चुनौतियों को बाद भी भारतीय लोकतंत्र विश्व का सबसे सशक्त लोकतंत्र है. पड़ोसी देश लोकतंत्र को नहीं चला पा रहे हैं जबकि भारत ने लोकतंत्र को निरंतर सबल कर रहा है.
प्रतियोगिता में विजयी हुई छात्राएं : सेमिनार में सौम्या, प्रियम, नितिश कुमार, रूबी कुमारी, स्नेहा कुमारी, रश्मि कुमारी, मिली, खुशबू, कृष्ण अभिषेक, सारिका कुमारी, मृत्युंजय ने भी अपने विचार रखे. प्रतियोगिता में प्रथम सौम्या प्रियम, द्वितीय स्नेहा कुमारी और रूबी और रश्मि तृतीय रहीं. निर्णायक डॉ पीके राय, डॉ राहुल सिंह व डॉ एनके द्विवेदी थे. धन्यवाद ज्ञापन संयोजक डॉ टीपी सिंह ने किया.

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