प्रवचन::: वेद अत्यंत प्राचीन ग्रंथ है
भले ही वे राम, काली, शिव, ईसा, बुद्ध अथवा कृष्ण में से किसी से भी अपनी दिव्य चेतना के प्रतीक स्वरूप क्यों न मानते हों. वे भी हिंदू कहलाने के अधिकारी है जो बिना किसी नाम अथवा रुप की सहायता से अंतिम सत्य (ईश्वर) को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं. इससे यह बात स्पष्ट […]
भले ही वे राम, काली, शिव, ईसा, बुद्ध अथवा कृष्ण में से किसी से भी अपनी दिव्य चेतना के प्रतीक स्वरूप क्यों न मानते हों. वे भी हिंदू कहलाने के अधिकारी है जो बिना किसी नाम अथवा रुप की सहायता से अंतिम सत्य (ईश्वर) को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं. इससे यह बात स्पष्ट होती है कि हिंदू धर्म अत्यधिक व्यापक है. विभिन्न धारणाओं, विश्वासों, पूजा पद्धतियों तथा दार्शनिक मतों वाले व्यक्तियों के लिए भी इसमें स्थान है. हिंदू धर्म को वैदिक धर्म भी कहा जाता है. वेद हिंदुओं के अति प्राचीन आध्यात्मिक ग्रंथ है जो संभवत: ईसा से चार हजार वर्ष पूर्व लेखबद्ध किये गये थे. इनकी रचना संस्कृत में हुई थी. इनमें सृष्टि की रचना तथा प्रकृति में मानव के अस्तित्व का विस्तृत वर्णन है.