10 एकड़ जमीन जांच के दायरे में, सीबीआइ करेगी पूछताछ
देवघर: देवघर भूमि घोटाला में नामजद अभियुक्त एक विधवा महिला के नाम ठाढ़ी दुलमपुर मौजा में लगभग एक करोड़ रुपये की जमीन का पता सीबीआइ को लगी है. 85 वर्षीय विधवा के नाम ठाढ़ीदुलमपुर मौजा में कैसे इतनी जमीन हुई, सीबीआइ इसका पड़ताल करने में जुटी है. सूत्रों के अनुसार विधवा को सीबीआइ नोटिस भी […]
देवघर: देवघर भूमि घोटाला में नामजद अभियुक्त एक विधवा महिला के नाम ठाढ़ी दुलमपुर मौजा में लगभग एक करोड़ रुपये की जमीन का पता सीबीआइ को लगी है. 85 वर्षीय विधवा के नाम ठाढ़ीदुलमपुर मौजा में कैसे इतनी जमीन हुई, सीबीआइ इसका पड़ताल करने में जुटी है. सूत्रों के अनुसार विधवा को सीबीआइ नोटिस भी भेज चुकी है, अब सीबीआइ अधिकारी उक्त विधवा आरोपित से पूछताछ करेगी. ठाढ़ीदुलमपुर मौजा में लगभग दस एकड़ एलए जमीन सीबीआइ जांच के दायरे में है. सूत्रों के अनुसार उक्त विधवा के नाम पर भी एलए की जमीन का कागजात तैयार किया गया है, यह गड़बड़ी शुरुआती जांच के दौरान ही पकड़ में आयी थी. बताया जाता है कि विधवा की उम्र अधिक होने के कारण वह इन दिनों अस्वस्थ भी है.
सिंडिकेट ने विधवा के नाम का किया इस्तेमाल
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ अनुसंधान में पता चला है कि उक्त विधवा का पुश्तैनी घर वार्ड नंबर 26 में होने के बावजूद ठाढ़ी दुलमपुर मौजा में उनके नाम इतनी जमीन होना जमीन के दस्तावेज में हेरफेर हुआ है. चूंकि विधवा के नाम सारी जमीन एलए किस्म की है और एलए की जमीन में ही बड़ा घपला हुआ है. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ को पता चला है कि 85 वर्षीय चलने-फिरने में असमर्थ इस विधवा का कोई पुत्र भी नहीं है, इसलिए भू-माफियों का एक सिंडिकेट ने अधिकारियों से मिलकर फर्जीवाड़े तरीके से विधवा के नाम एलए जमीन का कागजात तैयार किया है
सीबीआइ जल्द ऐसे भू-माफियों को भी अपनी चुंगल में लेने की तैयारी में है, जो ठाड़ीदुलमपुर, कटिया, कुंडा व बाघमारी मौजा समेत इस क्षेत्र में जमकर जमीन का कारोबार तो किया, लेकिन अब तक सीबीआइ के दायरे में नहीं आया. इस सिंडिकेट के कई जमीन कारोबारी तो अवैध रुप से कमाये पैसे से दूसरा धंधा भी चालू कर दिया है.
अचानक करोड़ों की जमीन का मालिक !
देवघर भूमि घोटाला में नामजद आरोपित वार्ड नंबर 26 की रहने वाली 85 वर्षीय विधवा ही नहीं, बल्कि बंधा मौजा के जामुन मिर्धा, तरण राय व झौंसागढ़ी के अमीन रजक के नाम भी कई एकड़ जमीन है. लेकिन उन लोगों को इस जमीन पता भी नहीं था. इसमें जामुन मिर्धा के नाम तो करोड़ों रुपये की जमीन थी.
भू-माफिया पूरी साजिश के साथ वैसे लोगों का नाम फर्जीवाड़े में इस्तेमाल किया है, जिनका एक पैर कब्र में था. ताकि कोई जांच होने पर यह भगवान के प्यारे हो जाये अथवा कुछ बताने में असमर्थ हो जाये. इन आरोपितों में अमीन रजक व तरण राय की मृत्यु भी हो चुकी है. अमीन रजक व तरण राय भी काफी वृद्ध हो चुके थे. जबकि जामुन का उम्र भी 80 के आसपास है.