नक्सली धमकी के बहाने बंद कर दिया जाता है काम
संवाददाता, देवघरजिले में विभागीय अभियंताओं व ठेकेदारों की साठगांठ से इन दिनों विकास की बड़ी योजनाओं में प्राक्कलन में हेरफेर चल रहा है. इसमें उच्चस्तरीय पुल, पुलिया व रोड है. काम चालू होने के बाद योजनाओं की प्राक्कलन राशि बढ़ाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जाते हैं. नक्सली धमकी व असुरक्षा का हवाला देकर […]
संवाददाता, देवघरजिले में विभागीय अभियंताओं व ठेकेदारों की साठगांठ से इन दिनों विकास की बड़ी योजनाओं में प्राक्कलन में हेरफेर चल रहा है. इसमें उच्चस्तरीय पुल, पुलिया व रोड है. काम चालू होने के बाद योजनाओं की प्राक्कलन राशि बढ़ाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जाते हैं. नक्सली धमकी व असुरक्षा का हवाला देकर लंबे अंतराल तक काम बंद कर दिया जाता है. इस बीच काम में हुई विलंब से मैटेरियल का दर बढ़ाने का खेल शुरू हो जाता है. इसमें विभागीय अभियंताओं की मिलीभगत से प्राक्कलन को संशोधन कर मुख्यालय स्वीकृति के लिए भेज दिया जाता है. अभियंता कुछ ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए प्राक्कलन की राशि तक बढ़ा दी जाती है. इस खेल में सरकार को लाखों-करोड़ों का नुकसान हो रहा है. यह खेल अधिकांश राज्य सरकार की योजना में चल रहा है.