महाजनी चंगुल से कैसे बचेंगे किसान

देवघर: हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में बैंकर्स की बैठक में कहा था कि बैंकों की उदासीनता के कारण महाजनी प्रथा बंद नहीं हो पा रही है. ससमय ऋण नहीं देने पर बैंकों के रवैये से मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की थी. देवघर में भी बैंकों का रवैया किसानों के प्रति सहयोगात्मक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 30, 2013 8:20 AM

देवघर: हाल ही में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में बैंकर्स की बैठक में कहा था कि बैंकों की उदासीनता के कारण महाजनी प्रथा बंद नहीं हो पा रही है. ससमय ऋण नहीं देने पर बैंकों के रवैये से मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की थी. देवघर में भी बैंकों का रवैया किसानों के प्रति सहयोगात्मक नहीं दिख रहा है. कृषि विभाग द्वारा 30 जुलाई 2013 को सरकार को भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार कृषि विभाग से 22,297 केसीसी फॉर्म कुल 16 बैंकों को भेजा गया.

इसके मुकाबले बैंकों ने 8,663 केसीसी फॉर्म स्वीकृत किया व 4,851 केसीसी ऋण अब तक वितरित किया है. बैंकों ने कुल नौ करोड़, 20 लाख, 42 हजार रुपये ऋण वितरित किया. शेष 17,446 किसानों को केसीसी ऋण लेने के लिए बैंकों का चक्कर लगाना पड़ा रहा है.

सर्वाधिक ऋण एसबीआइ ने बांटे
इसमें सर्वाधिक केसीसी ऋण एसबीआइ ने बांटे है. 30 जुलाई तक विभिन्न एसबीआइ शाखा को 7,202 केसीसी फार्म कृषि विभाग ने भेजा. इसमें 2,673 केसीसी फार्म की स्वीकृति हुई व 1771 केसीसी ऋण का वितरण कर दिया गया. एसबीआइ ने कुल राशि तीन करोड़, 94 लाख, 90 हजार रुपये का केसीसी ऋण बांटा. जबकि सबसे कम केसीसी ऋण यूनाइटेड बैंक ने वितरण किया है.

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