जनसंख्या नियंत्रण पर निर्वाचन आयोग भी सख्त

– नौ फरवरी 2013 के बाद दो से अधिक संतान के माता-पिता बनने वालों पर लागू होगा नियम- जुड़वा व गोद लिये गये संतानों की भी होगी गिनती संवाददाता, देवघरनौ फरवरी 2013 के बाद दो से अधिक संतान के माता-पिता बन चुके लोग अगर नगर निगम चुनाव में मेयर व पार्षद पद पर अपना भाग्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2015 9:05 PM

– नौ फरवरी 2013 के बाद दो से अधिक संतान के माता-पिता बनने वालों पर लागू होगा नियम- जुड़वा व गोद लिये गये संतानों की भी होगी गिनती संवाददाता, देवघरनौ फरवरी 2013 के बाद दो से अधिक संतान के माता-पिता बन चुके लोग अगर नगर निगम चुनाव में मेयर व पार्षद पद पर अपना भाग्य अजमाना चाहते हैं तो वे चुनाव लड़ने से वंचित रह जायेंगे. यह नियम झारखंड नगर पालिका अधिनियम 2011 की धारा 18(1) के तहत नौ फरवरी 2012 के तिथि से प्रवृत है. उक्त धारा के अनुसार दो से अधिक संतान वाला व्यक्ति भी नगर निगम के किसी पदधारी का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य होगा. परंतु यदि उसके दो से अधिक संतान नौ फरवरी 2013 तक या उसके पूर्व थी और बाद में उसमें कोई वृद्धि नहीं हुई है तो वह चुनाव लड़ने के अयोग्य नहीं होंगे. निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि संतानों की संख्या में गोद लिए गये संतान व जुड़वा संतानों को भी सम्मिलित किया जायेगा. चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को यह घोषणा नामांकन के दौरान शपथ पत्र में करनी होगी. शपथ पत्र में प्रत्याशी अगर उपरोक्त तथ्यों को छुपाते हैं तो कोई भी व्यक्ति सक्षम कोर्ट में चुनाव परिणाम आने के बाद 30 दिनों के अंदर आपत्ति दर्ज करा सकते हैं. 2013 के मधुपुर नगर पालिका चुनाव में भी इन नियम को अपनाया गया था.

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