प्रवचन:::: जैन धर्म विश्व के प्राचीन धर्मों में से एक

जैन धर्म: ऐसा विश्वास किया जाता है कि जैन धर्म विश्व के प्राचीन धर्मों में से एक है. इसकी विशेषता श्वेत धवल वस्त्रों में घूमते इसके भिक्षु-भिक्षुणी हैं जो त्याग तथा स्वेच्छा से निर्धनता का जीवन बिताते हैं. ये मन, वचन ेवं कर्म से अहिंसा का इस सीमा तक पालन करते हैं कि जब ये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2015 5:03 PM

जैन धर्म: ऐसा विश्वास किया जाता है कि जैन धर्म विश्व के प्राचीन धर्मों में से एक है. इसकी विशेषता श्वेत धवल वस्त्रों में घूमते इसके भिक्षु-भिक्षुणी हैं जो त्याग तथा स्वेच्छा से निर्धनता का जीवन बिताते हैं. ये मन, वचन ेवं कर्म से अहिंसा का इस सीमा तक पालन करते हैं कि जब ये बाहर निकलते हैं तो अपने साथ एक झाड़ू रखते हैं जिससे मार्ग को बुहारते जाते हैं ताकि पैरों तले कोई जीव-जंतु कुचलकर मर न जाये. ये अपनी नाक तथा मुंह को वस्त्र से ढंके रहते हैं ताकि श्वास द्वारा कोई कीटाणु अंदर जाकर मन न जाये. इसी उद्देश्य से ये पानी भी छान कर ही पीते हैं. आधुनिक युग में जैनों की संख्या बहुत कम हो गई है परंतु एक समय ऐसा भी था जब इनकी संख्या बहुत अधिक थी तथा वे बड़े शक्ति संपन्न थे.

Next Article

Exit mobile version