झारखंड हाइकोर्ट ने दिया अंतरिम आदेश, देवघर में टोल टैक्स की वसूली पर रोक

रांची: झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को देवघर नगर निगम क्षेत्र में टोल टैक्स की वसूली को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए लाइट मोटर वैह्किल से टोल टैक्स (प्रवेश कर) की वसूली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 29, 2015 8:54 AM
रांची: झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को देवघर नगर निगम क्षेत्र में टोल टैक्स की वसूली को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए लाइट मोटर वैह्किल से टोल टैक्स (प्रवेश कर) की वसूली पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि पिछले वर्ष कितना टोल टैक्स वसूला गया और वसूली गयी राशि कहां खर्च की गयी है.
खंडपीठ ने प्रतिवादी राज्य सरकार, देवघर नगर निगम और टोल की वसूली करनेवाले ठेकेदार नीरज कुमार को एक सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 मई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने खंडपीठ को बताया कि बगैर कानूनी अधिकार के देवघर नगर निगम द्वारा देवघर में प्रवेश करने पर हैवी वाहन व लाइट मोटर वैह्किल से टोल टैक्स वसूला जा रहा है. यह कार्य ठेकेदार नीरज कुमार से कराया जा रहा है. टोल की वसूली नियम विरुद्ध है.

इतना ही नहीं दुमका-देवघर एनएच पर महेशमारा में, जसीडीह-देवघर मार्ग पर डाबरग्राम में तथा देवघर-श्ररावण-मधुपुर रोड में कुंडा में बैरियर लगा कर टोल की वसूली की जा रही है. उन्होंने खंडपीठ को यह भी बताया कि प्रतिदिन के हिसाब से टैक्स वसूला जाता है. जैसे कार, जीप, सूमो से 60 रुपये, 35 सीटर बस, टेकर, ट्रक से 140 रुपये, मैक्सी, मैजिक, मेटाडोर से 70 रुपये, मिनी बस व ट्रैक्टर से 100-100 रुपये टोल टैक्स के रूप में वसूला जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता राजेश शंकर ने पक्ष रखा, जबकि नगर निगम की ओर से बताया गया कि 2टोल टैक्स से पिछले वर्ष 1.31 करोड़ रुपये वसूला गया है. गौरतलब है कि प्रार्थी देवघर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से जनहित याचिका दायर कर टोल टैक्स की वसूली को चुनौती दी गयी है.

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