सीबीआइ जांच कराने की मांग

देवघर : जिले में नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा आम लोगों की जमा राशि ठगी करने के मामले को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. जिला अधिवक्ता संघ देवघर द्वारा भेजे गये प्रस्ताव के मद्देनजर स्वत: संज्ञान हाइकोर्ट ने ली है और सरकार से जवाब मांगा है. यह जिला अधिवक्ता संघ की दूसरी बड़ी उपलब्धि है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2013 3:42 AM

देवघर : जिले में नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा आम लोगों की जमा राशि ठगी करने के मामले को हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. जिला अधिवक्ता संघ देवघर द्वारा भेजे गये प्रस्ताव के मद्देनजर स्वत: संज्ञान हाइकोर्ट ने ली है और सरकार से जवाब मांगा है. यह जिला अधिवक्ता संघ की दूसरी बड़ी उपलब्धि है.

नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा करोड़ों रुपये लेकर चंपत होने की घटना उजागर होने की घटना के बारे में सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत एसडीओ कार्यालय से दस्तावेज उपलब्ध कर संघ की ओर से प्रस्ताव लिया गया था कि इसकी जांच सीबीआइ से कराने के लिए हाइकोर्ट से प्रार्थना की जाय.

यह प्रस्ताव 19 फरवरी 2013 को लिया गया था. संघ के तत्कालीन अध्यक्ष मदन प्रसाद ठाकुर तथा महासचिव प्रणय कुमार के संयुक्त हस्ताक्षर से हाइकोर्ट रांची के चीफ जस्टिस के नाम पत्र 26 फरवरी 2013 को भेजा गया था जिस पर कार्रवाई हुई. अनुरोध किया गया था कि पीआइएल के तौर पर इसे दर्ज कर विधि सम्मत कार्रवाई की जाय. देवघर अधिवक्ता संघ के इस आवेदन पर जनहित याचिका दर्ज कर सुनवाई की गयी.

इसमें अगली सुनवाई 9 सितंबर को रखी गयी है. संघ की ओर से जनहित के लिए जमीन घोटाला पर सीबीआइ जांच के लिए पहले भी लिखा गया था जिस पर कार्रवाई हुई. यह पहली उपलब्धि थी. संघ के आवेदन पर संज्ञान लेने से अधिवक्ताओं में काफी हर्ष का माहौल है.

क्या कहते हैं संघ के महासचिव

जिला बार एसोसिएशन देवघर के महासचिव प्रणय कुमार सिन्हा कहते हैं कि जनता की गाढ़ी कमाई चिटफंड कंपनी लेकर गायब हुई है. यह गंभीर मामला है. हाइकोर्ट ने संघ के आवेदन पर संज्ञान लिया है, बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने आशा जतायी है कि जनता अब न्याय की पूरी उम्मीद है.

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