संस्कार मंडप में चल रहा प्रखंड मुख्यालयसोनारायठाढ़ी. प्रखंड बने पांच साल गुजर गया लेकिन प्रखंड क्षेत्र के लोगों को आज तक प्रखंड का लाभ नहीं मिल सका है. प्रखंड वासियों को आज भी चिकित्सा के लिए सोनारायठाढ़ी से चलकर इलाज के लिए पीएचसी सारवां जाना पड़ता है. प्रखंड कल्याण पदाधिकारी सारवां से ही सोनारायठाढ़ी प्रखंड का काम काज देखते हैं. बाल विकास परियोजना का संचालन भी सारवां प्रखंड कार्यालय से ही संचालित होता है. प्रखंड पशु चिकित्सक के अभाव में लोगों की पालतू जानवर बीमार होने पर इलाज के अभाव में पशुओं की मौत हो जाती है. प्रखंड कार्यालय का अपना भवन नहीं होने के कारण पांच साल से प्रखंड का कामकाज सोनारायठाढ़ी स्थित संस्कार मंडप में ही संचालित हो रही है. प्रखंड में प्रखंड कर्मी को आवासन करने के लिए भवन नहीं रहने के कारण प्रखंड कर्मी प्रखंड मुख्यालय को छोड़कर अन्यत्र रहने को मजबूर हैं. जिस कारण प्रखंड में कोई पदाधिकारी आवासन नहीं करते हैं. अक्तूबर 2008 में सोनारायठाढ़ी को प्रखंड का दर्जा तो मिल गया लेकिन अबतक प्रखंड का अपना भवन नहीं बन सका. कई बार जमीन को लेकर विवाद हुआ. इसके बाद सरकारी जमीन को चिह्नित किया गया. लेकिन अबतक इस ओर कोई ठोस पहल नहीं की गयी. प्रखंड मुख्यालय के सामने स्थित एक चापानल जो प्रखंड के लोगों की प्यास बुझाती थी. मरम्मत के अभाव में महिनों से बंद पड़ा है. संस्कार मंडप में चल रहे प्रखंड कार्यालय का फोटो भेजे है।
प्रखंड बने बीते पांच साल, स्वास्थ्य सुविधाएं बदहाल
संस्कार मंडप में चल रहा प्रखंड मुख्यालयसोनारायठाढ़ी. प्रखंड बने पांच साल गुजर गया लेकिन प्रखंड क्षेत्र के लोगों को आज तक प्रखंड का लाभ नहीं मिल सका है. प्रखंड वासियों को आज भी चिकित्सा के लिए सोनारायठाढ़ी से चलकर इलाज के लिए पीएचसी सारवां जाना पड़ता है. प्रखंड कल्याण पदाधिकारी सारवां से ही सोनारायठाढ़ी प्रखंड […]
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