रूही प्रवीण बनीं नपा उपाध्यक्ष

मधुपुर: नगर पार्षद उपाध्यक्ष पद के चुनाव में रूही प्रवीण ने सपन मिश्र को पराजित कर दिया. रूही को 12 मत मिले, जबकि सपन मिश्र ने 10 वोट लाये. रूही के निर्वाची होने की घोषणा विधिवत ढंग से साढ़े चार बजे निर्वाची पदाधिकारी अजीत शंकर ने किया. नगर पर्षद के अध्यक्ष संजय यादव ने रूही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:35 PM

मधुपुर: नगर पार्षद उपाध्यक्ष पद के चुनाव में रूही प्रवीण ने सपन मिश्र को पराजित कर दिया. रूही को 12 मत मिले, जबकि सपन मिश्र ने 10 वोट लाये. रूही के निर्वाची होने की घोषणा विधिवत ढंग से साढ़े चार बजे निर्वाची पदाधिकारी अजीत शंकर ने किया. नगर पर्षद के अध्यक्ष संजय यादव ने रूही के निर्वाची होने के पश्चात पद व गोपनीयता की शपथ दिलायी. इससे पूर्व नगर पर्षद के अध्यक्ष संजय यादव को उपविकास आयुक्त शशि रंजन सिंह ने पद व गोपनीयता की शपथ दिलायी. इसके पश्चात 22 वार्ड पार्षदों को शपथ दिलायी गयी. कार्यक्रम की शुरुआत निर्धारित समय पर 11 बजे हुई.

शपथ दिलाने के बाद उपाध्यक्ष पद के लिए सर्वसम्मति नहीं बन पाने के कारण नामांकन की प्रक्रिया प्रारंभ हुई. उपाध्यक्ष पद के लिए सपन मिश्र व रूही प्रवीण ने नामांकन दाखिल किया. नामांकन पत्रों की जांच के बाद दोपहर तीन बजे मतदान प्रारंभ किया गया. साढ़े तीन बजे तक मतदान संपन्न हो गया. इसके पश्चात मत पत्रों की गिनती हुई जिसमें रूही प्रवीण विजयी घोषित हुईं.

मौके पर अजीत शंकर, डीएसओ इंदू रानी, अनुमंडल पदाधिकारी दिनेश कुमार सिंह, कार्यपालक दंडाधिकारी इस्तियाक अहमद, एसडीपीओ जान बसंत मिंज, वार्ड पार्षद अजीत यादव, रवि रवानी, निताई सोरेन, रवींद्र पाठक, शबाना प्रवीण, पुष्प लता शर्मा, रूपा शर्मा, अल्ताफ हुसैन, राजेश दास, मो नौशाद, राजू सिन्हा, फैयजा नूर, मंजु देवी, दौलती देवी, सोमा नंदी समेत सभी 22 पार्षद उपस्थित थे.

मतदान के दौरान हुआ हंगामा
नगर पार्षद उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान उस समय अचानक अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी. जब नप अध्यक्ष संजय यादव को मतदान कक्ष से बाहर निकालने की मांग करते हुए झामुमो विधान सभा प्रभारी सह पूर्व मंत्री पुत्र हफिजुल हसन अंदर कमरे में आ गये. निर्वाची पदाधिकारी अजीत शंकर ने पुलिस के सहयोग से श्री हसन को कमरे से बाहर निकलवाया. इसके बाद पुन: मतदान व मतगणना की प्रक्रिया पूरी की गयी. मामले में अजीत शंकर ने कहा कि नियमानुसार अध्यक्ष को कमरे में रहने का अधिकार है. क्योंकि अध्यक्ष ही निर्वाचित उपाध्यक्ष को शपथ दिलाते हैं.

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