प्रवचन::: सरल जीवन यापन करें
वह ऐसे स्थानों में रहता है जो दूसरों को कतई पसंद नहीं आते. वह सभी लोगों से मित्रतापूर्ण संबंध बनाये रखता है, नियम तथा व्यवस्था का पालन करता है. वह अपनी आत्मा को भटकने नहीं देता, अपितु एकाग्र रखता है. वह आडंबररहित सरल जीवन-यापन करता है. वह सूक्ष्म, गहन तथा गंभीर होता है. वह बच्चों […]
वह ऐसे स्थानों में रहता है जो दूसरों को कतई पसंद नहीं आते. वह सभी लोगों से मित्रतापूर्ण संबंध बनाये रखता है, नियम तथा व्यवस्था का पालन करता है. वह अपनी आत्मा को भटकने नहीं देता, अपितु एकाग्र रखता है. वह आडंबररहित सरल जीवन-यापन करता है. वह सूक्ष्म, गहन तथा गंभीर होता है. वह बच्चों की तरह सरल तथा शांतचित रहता है. वह विनम्र होता है, आत्मप्रदर्शन और आत्मप्रशंसा नहीं करता. वह सम्मान को जानता है परंतु सज्जनता को नहीं छोड़ता. वह अति फजूल खर्ची तथा आसक्ति से बचता है. वह स्वयं और दूसरों को जानता तथा आत्म विजयी होता है. वह अनंत का अनुसरण करता है. वह शांति का प्रेमी होता है तथा व्यर्थ शोर नहीं करता. वह स्त्री-पुरुष के बीच भेदभाव नहीं बरतता फिर भी उसमें यौन-विकास होता है.