– 23 मई को दुमका में हुई थी प्रमंडल स्तरीय समीक्षात्मक बैठक – सीएम ने शिशु मातृ मृत्यु दर के आंकड़ों को देख जतायी थी नाराजगी संवाददाता, देवघर गत दिनों उपराजधानी दुमका में सीएम रघुवर दास की अध्यक्षता में प्रमंडलीय समीक्षात्मक बैठक हुई थी. बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर के द्वारा देवघर व साहिबगंज जिले के मातृ व शिशु मृत्यु दर के आंकड़ों को प्रस्तुत किया गया, जिसमें आंकड़ों में वृद्धि दर्शायी गयी थी. उस पर सीएम ने नाराजगी प्रकट करते हुए सिविल सर्जनों से स्पष्टीकरण पूछने तथा संतोषप्रद जवाब न होने पर निलंबित करने का निर्देश दिया था. उक्त मामले में देवघर सिविल सर्जन डॉ दिवाकर कामत ने सोमवार को संबंधित मामलों के साथ प्रधान सचिव के साथ पत्राचार किया है. इस बाबत डाटा में सुधार के लिए पत्र प्रेषित किया गया. क्या कहते हैं सीएस इस संबंध में सीएस डॉ कामत ने बताया कि,उक्त बैठक में प्रधान सचिव द्वारा देवघर के एमसीटीएस(मदर चाइल्ड ट्रेनिंग सिस्टम) का जो आंकड़ा प्रस्तुत किया गया. उसमें गर्भवती माताओं के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 37 फीसदी दिखाया गया है जबकि उसकी जगह 60 फीसदी होने चाहिये. देशभर के लिए जारी होने एचएमआइएस(हेल्थ मैनेजमेंट इनफोरमेशन सिस्टम) आंकड़े में रांची द्वारा 46 फीसदी दर्शाया गया.जबकि गर्भवती माताओं के रजिस्ट्रेशन के बाद एचएमआइएस को जिला से जो डाटा भेजा गया है,वह 74 फीसदी है.इसी तरह पूरे प्रमंडल में मातृ मृत्यु दर(मेटरनल मोर्टेलिटी रेशियो)का आंकड़ा 292 है जबकि देवघर जिले का आंकड़ा मात्र 219 है.
जिले में शिशु-मातृ मृत्यु दर मामले में सीएस ने मुख्यालय को भेजा रिपोर्ट
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