विधायक बादल को नहीं मिला विधानसभा में किये सवाल का जवाब

देवघर: देवघर को जिला बने 32 वर्ष से ज्यादा का समय गुजर गया. मगर देवघर सदर अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा नहीं मिला. इस कारण अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों व संसाधनों का खासा अभाव रहा है. जबकि इस अस्पताल में प्रत्येक दिन 500-600 की संख्या में मरीजों का इलाज होता है. इनमें कई गंभीर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 2, 2015 8:46 AM
देवघर: देवघर को जिला बने 32 वर्ष से ज्यादा का समय गुजर गया. मगर देवघर सदर अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा नहीं मिला. इस कारण अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों व संसाधनों का खासा अभाव रहा है. जबकि इस अस्पताल में प्रत्येक दिन 500-600 की संख्या में मरीजों का इलाज होता है. इनमें कई गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीज होते हैं तो कोई बड़े हादसे का शिकार हो जीवन-मरण के बीच झूल रहा होता है. संसाधनों के अभाव में चिकित्सक भी ज्यादा रिस्क नहीं ले पाते.
बाध्य हो वैसे मरीज बेहतर इलाज के लिए हाइयर सेंटर रेफर कर दिये जाते हैं. जबकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग भगवान पर भरोसा रख अपने मरीज का सदर में ही इलाज को बाध्य होते हैं. इसके अलावा देवघर तीर्थस्थली होने के कारण यहां प्रत्येक दिन 10 से 15 हजार श्रद्धालु देवघर में पूजा-अर्चना व घूमने के इरादे से पहुंचते हैं.
मंत्री की घोषणा हवा-हवाई
इस संदर्भ में दिसंबर-2013 में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह ने अस्पताल परिसर में जिला अस्पताल बनाये जाने की घोषणा करते हुए कहा था कि राजधानी रांची लौटते ही इस विषय में नोटिफिकेशन जारी कर देंगे. मगर डेढ़ बरस से ज्यादा की अवधि गुजर जाने के बाद भी स्वास्थ्य मुख्यालय की ओर से न कोई नोटिफिकेशन जारी हुआ. और न सदर को जिला अस्पताल का दर्जा मिला. गत दिनों इस विषय पर प्रभात खबर में छपी खबर को गंभीरता से लेते हुए जरमुंडी विधायक बादल ने विधानसभा में शून्य काल (जीरो आवर) के दौरान जिला अस्पताल के मुद्दे पर सवाल उठाये. मगर लंबी अवधि के बाद भी विधायक के सवाल का जवाब विभाग की ओर से नहीं दिया गया.
कहते हैं विधायक
यह बड़ी प्रशासनिक चूक है. कितनी गैर जिम्मेदाराना हरकत है कि देश के मानचित्र पर टूरिस्ट पैलेस के स्थापित होने के कारण यहां रोजाना हजारों लोग पूजा-अर्चना व भ्रमण को पहुंचते हैं. सरकार जिसे स्मार्ट सिटी बनाना चाहती है. वहां जिला अस्पताल न होना कई सवाल खड़े कर रहा है. कल सरकार को रिमाइंडर दे रहे हैं. बातें नहीं सुनी गयी तो शीघ्र बड़े आंदोलन का निर्णय लेंगे. – बादल, विधायक, जरमुंडी

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