देवघर: शहर से मात्र छह किमी की दूरी पर अवस्थित है महेशमारा खरवारी गांव. इस गांव में अधिकतर दलित समुदाय के लोग रहते हैं. गांव को निगम में तो शामिल कर दिया गया मगर यहां बेटियों की शिक्षा का स्तर का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आज तक किसी भी घर की बेटी ने मैट्रिक की परीक्षा तक पास नहीं की थी.
कम उम्र में ही बेटियों का भविष्य चूल्हा-चौका तक सीमित हो जाता था. मगर इस वर्ष के मैट्रिक परीक्षा के परिणाम से इस मिथक को तोड़ा पूनम कुमारी ने.
71 फीसदी अंक प्राप्त किया पूनम नेत्नपूनम इस गांव की पहली बेटी है जिसने मैट्रिक की परीक्षा पास की. जैक की ओर से जारी परिणाम में पूनम को 71 फीसदी अंक प्राप्त हुआ है. पूनम ने मैट्रिक की पढ़ायी संत मेरी उवि से की है. स्कूल में पूनम को आठवां स्थान मिला है. पूनम की मां सरिता देवी गृहिणी है जबकि पिता सुनील महथा निगम में सहायक पद पर कार्यरत हैं. गांव से संत मेरी बालिका उच्च विद्यालय देवघर पढ़ाई के लिए आती थी. मेहनत के बल पर बाजी मारी है. संत मेरी स्कूल में इन्होंने आठवां स्थान पाया है. इनकी तमन्ना बैंक पीओ बनने की है.