मधुपुर में बंद हुआ दो पुलिस नाका

मधुपुर: अपराध पर नियंत्रण के लिए पचास वर्ष पूर्व से स्थापित मधुपुर का दो पुलिस फांड़ी कर्मियों की कमी के कारण पूरी तरह बंद हो गया है. दोनों ही फांड़ी कागजों पर ही संचालित है. बताया जाता है कि 60 के दशक के आसपास से ही मधुपुर थाना परिसर में फांड़ी संख्या एक व खलासी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2015 8:36 AM

मधुपुर: अपराध पर नियंत्रण के लिए पचास वर्ष पूर्व से स्थापित मधुपुर का दो पुलिस फांड़ी कर्मियों की कमी के कारण पूरी तरह बंद हो गया है. दोनों ही फांड़ी कागजों पर ही संचालित है. बताया जाता है कि 60 के दशक के आसपास से ही मधुपुर थाना परिसर में फांड़ी संख्या एक व खलासी मुहल्ला में फांड़ी संख्या दो संचालित था.

दोनों फांड़ी में तीन-तीन हवलदार व 15-15 सिपाही का पद सृजित था. रेलवे लाइन के कारण दो भागों में बंटे शहर के लिए फांड़ी का सिमाना भी अलग-अलग था. फांड़ी के सिपाही व हवलदार शाम होते ही अपने-अपने क्षेत्र में साइकिल से संध्या व रात्रि गश्ती विभिन्न गलियों व मुहल्लों में नियमित रूप से करते थे. पुलिस कर्मियों को गश्ती के लिए साइकिल भत्ता भी मिलता था. वर्ष 2012 तक भी दोनों फांड़ी में हवलदार व सिपाही पदस्थापित थे.

लेकिन इनकी संख्या धीरे-धीरे काफी कम होते चली गयी और इसी वर्ष खलासी मुहल्ला स्थित फांड़ी संख्या दो पूरी तरह बंद हो गया. इसका एक कारण फांड़ी संख्या दो का भवन जजर्र होना भी बताया जाता है. अब फांड़ी संख्या एक भी बंद हो गया. आज दोनों जगह एक भी हवलदार और सिपाही नहीं हैं. इतना ही नहीं फांडी संख्या 2 के जमीन पर भूमाफियाओं की वर्षो से नजर है. इस आशय की एक रिपोर्ट भी मधुपुर के वर्तमान पुलिस निरीक्षक ने पुलिस अधीक्षक देवघर को भेजा था.

कहते हैं पुलिस निरीक्षक

वर्तमान समय में दोनों ही फांड़ी में हवलदार व सिपाही पदस्थापित नहीं है. दोनों ही फांड़ी का महीनों पूर्व निरीक्षण करने के बाद इसे सुदृढ़ और सशक्त बनाने के लिए प्रतिवेदन पुलिस अधीक्षक के पास भेजा गया था. खलासी मुहल्ला के फांड़ी पर भूमाफियाओं की नजर की भी बात बतायी गयी है.

विनोद वर्मा

पुलिस निरीक्षक

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