देवघर: कंप्यूटर और सूचना क्रांति के युग में देवघर जिला प्रशासन की तकनीकी प्रतिबद्धता का अभाव दिखता है. शायद यही कारण है कि अभी तक जिला प्रशासन ने अपना कोई वेबसाइट इंट्रोडय़ूस नहीं किया. देवघर जैसे महत्वपूर्ण जिले जहां मनोकामना ज्योर्तिलिंग बाबा बैद्यनाथ विराजमान हैं, त्रिकुट, रोप-वे, तपोवन, नौलखा सहित कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं.
यहां रिखियापीठ, सत्संग, बालानंद आश्रम, देवसंघ जैसा आश्रम है. विश्व की नजर इस जिले पर रहती है. क्योंकि सालोंभर यहां पर्यटकों, श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन देवघर जिला प्रशासन ने अब तक कोई वेबसाइट नहीं बनायी है, इस कारण देवघर की महत्वपूर्ण जानकारियां लोग ऑन लाइन नहीं ले पा रहे हैं. झारखंड के लगभग सभी जिले में प्रशासन की अपनी वेबसाइट है. दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़, जामताड़ा यानी देवघर छोड़ संताल के सभी जिले को अपनी वेबसाइट है. क्लिक करते ही जिले की सारी जानकारी मिल जाती है. लेकिन देवघर प्रशासन और यहां का तकनीकी विभाग इस दिशा में सुस्त है.
झारखंड बने 13 साल हो गये हैं लेकिन इस जिले की पहचान वेबसाइट के माध्यम से नहीं मिल पायी है. झारखंड के अन्य जिले और पड़ोसी राज्य बिहार में तो सभी चीजें ऑन लाइन हो गयी है. आवासीय, जाति प्रमाण पत्र तक ऑन लाइन बन रहे हैं. लेकिन देवघर जिले में सूचना तकनीक फेल है, इस कारण इ-गवर्नेस सिस्टम की हवा निकल रही है.