28 डिसमिल जमीन के लिए गयी जान

देवघर: करनीबाद महालक्ष्मी नगर में बम मार कर की गयी बदली की हत्या मामले में परिजनों ने बताया कि जिस जमीन के लिए विवाद शुरू हुआ, वह जमीन 28 डिसमिल है. यह जमीन बंधा मौजा अंतर्गत तरनटिल्हा इलाके में पड़ता है. घटना के एक दिन पहले ही बदली देवी व घटना में आरोपित बनाये गये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2015 11:17 AM
देवघर: करनीबाद महालक्ष्मी नगर में बम मार कर की गयी बदली की हत्या मामले में परिजनों ने बताया कि जिस जमीन के लिए विवाद शुरू हुआ, वह जमीन 28 डिसमिल है. यह जमीन बंधा मौजा अंतर्गत तरनटिल्हा इलाके में पड़ता है. घटना के एक दिन पहले ही बदली देवी व घटना में आरोपित बनाये गये मन्नु राय (दूर के रिश्तेदार) के बीच समझौता के तहत माप-जोख का काम निबटाया गया था. उसके बाद दोनों के हिस्से में आधा-आधा हिस्सा आया था.
नन-सेलेबल जमीन है यह
हालांकि वह जमीन पुरखों (परदादा पांचु राय) के नाम से बतायी जाती है. बदलते परिदृश्य में नन सेलेबल नेचर की जमीन होने के कारण कालांतर में उसके कई दावेदार खड़े हो गये थे. काफी विवाद के बाद किसी तरह से दोनों के बीच सुलह हो सका था. मगर नाप-जोख के अगले ही दिन बदली की हत्या हो जाना कई तरह के सवाल खड़े कर रहा है.
घटना की सुबह दोनों पहुंचे थे कोर्ट : जमीन के मामले को लेकर बदली देवी के साथ हमेशा विवाद का जुड़ाव रहा था. परिजनों की मानें तो घटना की सुबह शुक्रवार को भी बदली देवी व मन्नु राय अलग-अलग मामलों में कोर्ट परिसर पहुंचे थे. वहां से लौटते-लौटते बदली देवी को शाम चार बज गये थे. वो देवघर-दुमका मुख्य पथ स्थित बंधा मुहल्ले के सामने उतरने के बाद उक्त मुहल्ले में रहने वाले अपने बड़े भाई बूढ़ा राय से मिली. मुलाकात के बाद थके होने की बात कहते हुए शनिवार की सुबह पांच बजे किसी काम से उन्हें अपने घर बुलाया था. मगर इससे पहले रात में ही घटना घट गयी और बदली की मौत हो गयी.
घर की माली हालत बेहद खराब
घटना की सूचना पाकर दूर-दराज से पहुंचे परिजनों ने बताया कि घर की हालत बहुत अच्छी नहीं थी. बावजूद इसके बदली अपने स्तर से घर का खर्च व बच्चों को शिक्षा-दीक्षा दिलाने की जिम्मेवारी वहन कर रही थी. पति बासकी सिंह पहले किसी स्कूल में पारा शिक्षक थे. मगर शारीरिक अवस्था ठीक न होने के कारण वह नौकरी छोड़ कर पत्नी व बच्चों से ज्यादातर समय अलग रह कर घर बैठ गये थे. मगर फिर भी बदली अपने दोनों बड़े बच्चों (भवेश व रमेश) को आरएल सर्राफ हाई स्कूल में तथा छोटे बच्चे दिनेश को उत्क्रमित मवि विद्यालय करनीबाग में पढ़ाने का काम करती थी. अब जब बदली की मौत हो गयी और पिता अलग रहता है. तो बच्चे अनाथ हो गये. उनका गुजर बसर व पढ़ाई-लिखाई मंझधार में लटक गयी है. फिलहाल सबसे बड़ी जिम्मेवारी बदली का दाहकर्म व श्रद्धकर्म होना है. जो बड़ी समस्या है. इसके लिए बदली के भाई व रिश्तेदार सामने आये हैं. मगर कौन पूरी जिम्मेवारी उठायेगा. यह सवाल भविष्य के गर्भ में है.

Next Article

Exit mobile version