सरकारी बीज की जगह किसानों को बांटा धान, नमूना जब्त

देवघर : केंद्र प्रायोजित योजना बीजीआरइआइ, राज्य संपोषित बीज विनिमय एवं वितरण योजनांतर्गत प्रमाणित धान बीज की आपूर्ति में देवघर में भारी गड़बड़ी हुई है. नाबार्ड की अनुशंसा पर स्वयं सेवी संस्था रचना व सोर्ड के माध्यम से जिले के ग्रेन गोला व पैक्स को यह बीज उपलब्ध कराया गया है. इस योजना के तहत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 3, 2015 8:59 AM
देवघर : केंद्र प्रायोजित योजना बीजीआरइआइ, राज्य संपोषित बीज विनिमय एवं वितरण योजनांतर्गत प्रमाणित धान बीज की आपूर्ति में देवघर में भारी गड़बड़ी हुई है. नाबार्ड की अनुशंसा पर स्वयं सेवी संस्था रचना व सोर्ड के माध्यम से जिले के ग्रेन गोला व पैक्स को यह बीज उपलब्ध कराया गया है.
इस योजना के तहत किसानों को बीज के जगह साधारण धान 50 फीसदी अनुदानित दर पर वितरित किया जा रहा है. बंद बोरियों में बीज प्रथम दृष्टया धान प्रतीत हो रही है.
कई किसानों ने बीज डालने के दौरान यह गड़बड़ी पकड़ी. इसकी शिकायत मिलने पर गुरुवार को जिला कृषि पदाधिकारी एसएन व जिला सहकारिता पदाधिकारी सुशील कुमार ने देवघर ग्रेन गोला से बीज का नमूना जब्त कर लिया व इसकी गुणवत्ता की जांच के लिए रांची लैब में भेजा जायेगा. यह धान देवघर ग्रेन गोला, पलमा, बलथर, हरकट्टा व गिधनी पैक्सों से किसानों के बीच वितरित किया जा रहा है.
13.83 रुपये प्रति किलो की गड़बड़ी : रचना व सोर्ड संस्था द्वारा 13 रुपया 83 पैसा प्रति किलो की दर से 500 क्विंटल धान ग्रेन गोला व पैक्सों को उपलब्ध कराया गया है. उसके बाद संस्था को सरकार की ओर से 13 रुपया 83 पैसा प्रति किलो की दर से अतिरिक्त भुगतान देय होगा. संस्था को कुल 27.66 पैसा का भुगतान होगा. संस्था को प्रति किलो 13 रुपया 83 पैसा फायदा पहुंच रहा है.
मालूम हो कि बाजार में साधारण धान करीब 13 रु प्रति किलो के दर से उपलब्ध है. इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी एसएन सरस्वती ने बताया कि किसानों की ओर से शिकायतें आने के बाद डीसीओ के साथ ग्रेन गोला का निरीक्षण किया व ग्रेन गोला से बीज का नमूना जब्त कर लिया गया है. शुक्रवार को कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद नमूना को रांची स्थित लैब में जांच के लिए भेजा जायेगा.
‘‘ नाबार्ड के आर्थिक सहयोग से एनजीओ रचना व सोर्ड द्वारा जामताड़ा के नाला व पालोजोरी प्रखंड के बलियापुर में धान के बीज का उत्पादन हुआ था. इसी उत्पादित बीज को कृषि विभाग को उपलब्ध कराया गया है. इस बीज की गुणवत्ता की जांच संस्था ने ही लैब के जरिये प्रमाणित कर उपलब्ध कराया है. गड़बड़ी की सूचना मुझे नहीं है. फिर भी पता करवाते हैं’
– बैद्यनाथ सिंह, डीडीएम, नाबार्ड, देवघर
‘बीज की जगह धान वितरण की गड़बड़ी की शिकायत आने पर विभागीय मंत्री ने संज्ञान लेते हुए संस्था द्वारा उपलब्ध कराये गये बीज के वितरण व संस्था को भुगतान पर रोक लगाने का निर्देश दिया है. देवघर डीएओ को जल्द नमूना लैब में भेजने का भी निर्देश दिया गया है. गड़बड़ी करने वालों पर विभाग सख्त कार्रवाई करेगी’
– जटाशंकर चौधरी, कृषि निदेशक
कृषि मंत्री ने वितरण व भुगतान पर रोक लगाने का दिया आदेश
इस बड़े घोटाले की भनक लगते ही देवघर से रांची तक कृषि विभाग सक्रिय हो गया है. कृषि गन्ना एवं पशुपालन मंत्री रणधीर सिंह ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार की देर शाम कृषि निदेशक जटाशंकर चौधरी को बुलाकर रचना व सोर्ड संस्था द्वारा उपलब्ध कराये गये बीज के वितरण व भुगतान पर रोक लगा दी है. मंत्री के अनुसार किसानों को उन्नत बीज वितरण करने के लिए नेशनल शीड कॉरपोरेशन व मान्यता प्राप्त बीज ग्राम को अधिकृत किया गया है. बावजूद इसमें संस्था कैसे जुड़ गयी. संस्था का पिछला क्रियाकलाप देखे बगैर बीज आपूर्ति का अधिकार किसने दिया, इसकी पूरी जांच का निर्देश दिया गया है. मंत्री ने देवघर डीसी से भी पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी है.

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