देवघर: पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष प्रो(डॉ) सुरेश भारद्वाज ने श्रवणी मेले की तैयारी पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि मेले के सफल संचालन के लिए बाबा मंदिर के आसपास के 300 से 500 मीटर के दायरे में सारी व्यवस्था होनी चाहिये.
इसमें जलसार तालाब का पूरा हिस्सा व नेहरू पार्क में खाली पड़ी जमीन को शामिल किया जाना चाहिए. मेले के सफल संचालन के लिए 90 हजार लोगों के ठहराव की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए. इसके लिए पंडाल, शौचालय, स्नानागार व मनोरंजन की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि शहर में अचानक से बढ़ने वाली भीड़ को कंट्रोल किया जा सके .निर्धारित अवधि में उन्हें स्लॉट वाइज आगे बढ़ाया जाना चाहिए. इसके लिए अविलंब नेहरू पार्क के इलाके में क्यू कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाना चाहिए. मानसरोवर में कॉम्प्लेक्स निर्माण की जो बातें कही जा रही है, वह सरासर गलत है. मानसरोवर का जल भंडार आसपास के इलाके को गरमी के दिनों के अलावा सामान्य दिनों में रिचार्ज करने का काम करता है. यदि मानसरोवर में कॉम्प्लेक्स का निर्माण हुआ तो समीप का इलाका जलविहीन हो जायेगा. सभी बिंदुओं पर विचार किया जाना चाहिए.
मंदिर प्रबंधन बोर्ड भंग हो
अध्यक्ष ने कहा कि मंदिर की पूरी व्यवस्था को संचालित करने के लिए मंदिर प्रबंधन बोर्ड को भंग किया जाना चाहिए. दीर्घकालीन व्यवस्था के तहत ऑटोनॉमस बॉडी का गठन हो. उसमें तीर्थ पुरोहितों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी प्रतिनिधित्व मिले.
सड़क निर्माण से पहले हो सभी व्यवस्था
विकास का जो तरीका है वह सही तरीके से होना चाहिए. सड़क निर्माण के बाद उसकी कटाई करके अंडर ग्राउंड बिजली केबुल डालने व जलापूर्ति के लिए पाइप डालने का प्रयास नहीं होना चाहिए. शहर के कई इलाके में बिना पुख्ता तैयारी के पेवर बिछाये गये. उसका तरीका अलग है.