पुनासी डैम मामले में हाईकोर्ट का केंद्र सरकार को निर्देश, शीघ्र दें फॉरेस्ट क्लियरेंस

रांची/देवघर: झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को पुनासी डैम निर्माण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि डैम के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस के लंबित मामले का शीघ्र निष्पादन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2015 8:31 AM
रांची/देवघर: झारखंड हाइकोर्ट में मंगलवार को पुनासी डैम निर्माण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार के जवाब को देखते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया. खंडपीठ ने कहा कि डैम के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस के लंबित मामले का शीघ्र निष्पादन किया जाये, ताकि निर्माण कार्य शुरू हो सके. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कोर्ट के आदेश के अनुरूप फॉरेस्ट क्लियरेंस का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया. अब तक स्वीकृति नहीं मिली है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी निशिकांत दुबे ने जनहित याचिका दायर की है.

उन्होंने डैम का तेजी से निर्माण के लिए उचित आदेश देने का आग्रह किया है. 26 करोड़ की लागत से पुनासी डैम का निर्माण होना था. अब तक लगभग 170 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है. फोरेस्ट क्लियरेंस नहीं होने की वजह से पुनासी का स्पील-वे का कार्य पूरी तरह बाधित है. स्पील-वे की अधिकांश जमीन वन विभाग के अधीन है. स्पील-वे का निर्माण नहीं होने से रिवर क्लोजर का काम बाधित हो गया है.

इसके अलावा केनाल का कार्य भी बाकी है. मालूम हो कि वन विभाग द्वारा उठाये गये सारे बिंदुओं का जवाब देते हुए जल संसाधन विभाग व जिला प्रशासन ने वन विभाग को वन भूमि के बदले 720.21 एकड़ जमीन उपलब्ध करा दी है. वन विभाग को जुलाई 2014 में ही जमीन उपलब्ध करा दी गयी है. इसमें लगभग 150 एकड़ जमीन पर वन विभाग द्वारा पौधरोपण कार्य भी किया जा चुका है. बावजूद वन एवं पर्यावरण मंत्रलय (भारत सरकार) द्वारा एनओसी नहीं दिये जाने के कारण पुनासी का महत्वपूर्ण कार्य बाधित है.

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