मां दुर्गा का महास्नान
देवघर: देवसंघ नवदुर्गा मंदिर में महासप्तमी के अवसर पर मां दुर्गा का महास्नान हुआ. सैकड़ों की संख्या में भक्त महास्नान के साथ-साथ माता के पूजा में भी शरीक होंगे. इस संबंध से मंदिर से जुड़ेवरिष्ठ सदस्य पीएन बनर्जी ने बताया कि, यह सार्वजनिन पूजा है. पांरंपरिक तरीके से यहां शास्त्रीय विधि से पूजा होती है. […]
देवघर: देवसंघ नवदुर्गा मंदिर में महासप्तमी के अवसर पर मां दुर्गा का महास्नान हुआ. सैकड़ों की संख्या में भक्त महास्नान के साथ-साथ माता के पूजा में भी शरीक होंगे. इस संबंध से मंदिर से जुड़ेवरिष्ठ सदस्य पीएन बनर्जी ने बताया कि, यह सार्वजनिन पूजा है. पांरंपरिक तरीके से यहां शास्त्रीय विधि से पूजा होती है. सबसे पहले मां की प्राण प्रतिष्ठा होती है. इससे मां जीवंत हो उठती हैं. इसके बाद मां दुर्गा का महास्नान होता है. महास्नान में सात समुद्र, सात नद व नदियां, 12 विशेष स्थलों की मिट्टियों का प्रयोग होता है.
माटियों में विभिन्न विशेष स्थल की माटी शामिल रहती है. जिसे देश भर में मां को मानने वाले भक्त लेकर आते हैं. वैसे तो नवदुर्गा मंदिर में पिछले 13 दिनों से ही नवाम्यादि कल्पारंभ शुरू हो चुका है.
इस दौरान प्रत्येक दिन सुबह आठ बजे से मां का आवाह्न, पूजा, श्रीश्री चंडी पाठ आदि होते हैं. मगर महासप्तमी से नवमी तक मां दुर्गा का महास्नान होगा. इस क्रम में षष्ठी को संध्या सात बजे मां को बोधन, अधिवास व मां का आवाहन किया गया. आज सुबह सर्वप्रथम सुबह 7.30 बजे मां के प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई. उसके बाद सात समुद्र, सात नद व नदियों के जल से मां को महास्नान कराया गया. साथ ही महाष्टमी व महानवमी को भी मां का महास्नान होगा. शेष दिन विजयादशमी के दिन विधि -विधान से मां को पास के कुंड में विसजिर्त किया जायेगा. इस अवसर पर झारखंड, बंगाल, बिहार आदि प्रांत के सैकड़ों भक्त मौजूद थे.