अस्पताल में नहीं आपातकालीन व्यवस्था
कुव्यवस्था : हादसे ने खोल दिये कई बड़े दावों की पोल देवघर : श्रवणी की दूसरी सोमवारी को शहर के बेलाबगान दुर्गाबाड़ी रोड के मुख पर अहले सुबह ही कांवरियों की अप्रत्याशित भीड़ के कारण मची भगदड़ में कांवरियों की मौत हो गई, जबकि लगभग 50 से अधिक कांवरिया चोटिल हो गये. आनन-फानन में पुलिस […]
कुव्यवस्था : हादसे ने खोल दिये कई बड़े दावों की पोल
देवघर : श्रवणी की दूसरी सोमवारी को शहर के बेलाबगान दुर्गाबाड़ी रोड के मुख पर अहले सुबह ही कांवरियों की अप्रत्याशित भीड़ के कारण मची भगदड़ में कांवरियों की मौत हो गई, जबकि लगभग 50 से अधिक कांवरिया चोटिल हो गये.
आनन-फानन में पुलिस ने स्थानीय युवकों के सहयोग से पुलिस वाहनों में लाद कर मृतकों के साथ सभी घायलों को बारी-बारी से इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया. स्थानीय लोगों के अनुसार, उस समय तक वहां एंबुलेंस की कोई व्यवस्था नहीं थी. मगर अस्पताल पहुंचने के बाद ऑन ड्यूटी चिकित्सकों ने 10 लोगों को मृत घोषित कर दिया. फिर घायलों का इलाज शुरू किया.
मगर इतनी बड़ी घटना के बावजूद सदर अस्पताल में इमरजेंसी से निबटने के लिए पर्याप्त संख्या में न चिकित्सक मौजूद थे, न पारा मेडिकल कर्मी ही तैयार मिले. घटना के आधे घंटे बाद पारा मेडिकल कर्मी और उनके पीछे धीरे-धीरे चिकित्सक भी अस्पताल पहुंचे. हालांकि मामले की जानकारी सिविल सजर्न डॉ दिवाकर कामत को घटना के कुछ घंटे बाद ही मिल गयी थी.
वे स्वयं अस्पताल तो पहुंच गये थे. मगर तब तक घायलों को लाने के लिए अस्पताल परिसर में एंबुलेंस की उपलब्धता नहीं थी. न प्र्याप्त मात्र में दर्द की दवा और इजेंक्शन की ही व्यवस्था ही थी. इसके अलावा प्र्याप्त मात्र में जरूरी दवाईयां भी मौजूद नहीं थीं.
इस बीच घटना की जानकारी होने पर सैकड़ों की संख्या में शहरवासी घायलों को देखने अस्पताल परिसर में जुटे व समुचित इलाज की मांग को लेकर हो-हल्ला मचाना शुरू कर दिया. इस क्रम में स्थानीय विधायक व कई अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि अस्पताल पहुंच कर सीएस,डीएस समेत चिकित्सकों से घायल कांवरियों के इलाज की मांग करते हुए बेहतर इलाज के लिए शहर के बड़े संस्थानों में रेफर करने की बात कहने लगे.
चार घायलों को भेजा गया रिम्स
इस बीच चार कांवरियों की हालत गंभीर देख सूबे के गृह सचिव एनएन पांडेय व एडीजी एसएन प्रधान व ग्रामीण विकास सचिव मस्तराम मीणा तथा स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर इन चीफ डॉ सुमंत मिश्र की पहल पर बेहतर इलाज के लिए हवाई मार्ग से रिम्स,रांची भेजा गया. भेजे जाने वालों में -रानी देवी, बलराम प्रधान, लक्की मिश्र व आयुष कुमार शामिल हैं.