7.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

देवघर भगदड़ मामले में हाइकोर्ट में हुई सुनवाई, हर तीन महीने पर व्यवस्था की कोर्ट करेगा मॉनिटरिंग

रांची: झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को श्रावणी मेला के दौरान देवघर में हुए भगदड़ को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि तिरूपति बालाजी की तर्ज पर देवघर में बाबा मंदिर व बासुकीनाथ में व्यवस्था की जायेगी. देवघर-बासुकीनाथ मंदिर प्रबंधन प्राधिकार की स्थापना […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को श्रावणी मेला के दौरान देवघर में हुए भगदड़ को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि तिरूपति बालाजी की तर्ज पर देवघर में बाबा मंदिर व बासुकीनाथ में व्यवस्था की जायेगी. देवघर-बासुकीनाथ मंदिर प्रबंधन प्राधिकार की स्थापना के लिए अध्यादेश जारी किया गया है.

यह प्राधिकार बाबा बैद्यनाथ मंदिर, बासुकीनाथ मंदिर व उसके आस पास के इलाके का विकास व प्रबंधन का काम करेगा. सरकार ने प्राधिकार को काफी शक्तियां दी है. पूर्व से जो समस्याएं है, उसका निदान किया जायेगा. अगले श्रावणी तक देवघर व बासुकीनाथ की परिस्थितियां अलग होंगी तथा व्यवस्था दुरुस्त की जायेगी. भविष्य में भगदड़ जैसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जायेगी. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई.

खंडपीठ ने कहा कि मासिक व त्रैमासिक दोनों स्तर पर कोर्ट इस मामले की मॉनिटरिंग करेगा. प्रबंधन की खामियों की वजह से देवघर में श्रावणी मेला में भगदड़ हुई. घटना पर अफसोस जताते हुए खंडपीठ ने कहा कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए. व्यवस्था दुरुस्त की जाये. धार्मिक स्थलों पर भगदड़ की घटना नहीं होनी चाहिए. विलंब से ही सही, सरकार की नींद तो टूटी. अगले श्रावणी मेले में देवघर में बदलाव स्पष्ट नजर आयेगा. खंडपीठ ने सभी प्रतिवादियों को राज्य सरकार के जवाब का अध्ययन कर सुझाव देने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि सरकार मंदिर व क्षेत्र के विकास के बारे में सोच रही है, अच्छी बात है.

सोच पर कुछ काम भी शुरू कर दिया गया है, यह भी अच्छी बात है. सरकार एक साल के अंदर श्रावणी मेला की व्यवस्था में सुधार कर दे, तो बड़ी उपलब्धि होगी. खराब प्रबंधन नहीं चलेगा. मंदिर प्रबंधन में वैसे लोगों को शामिल किया जाना चाहिए, जो सुधार ला सके. मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी. देवघर चेंबर की ओर से वरीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने पक्ष रखा, जबकि राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा. गौरतलब है कि श्रावणी मेला में भगदड़ से 10 श्रद्धालुओं की मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें