शीघ्र बने युवा आयोग व राष्ट्रीय युवा नीति

देवघर : भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति की दूसरे सत्र में जिलाध्यक्षों ने अपने-अपने जिले में किये गये कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा भावी योजनाओं की जानकारी प्रदेश कार्यसमिति के समक्ष रखा. दूसरे सत्र में भाजयुमो ने राजनीतिक प्रस्ताव लिये. जो राज्य व देवघर के अलावा संतालपरगना की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. राजनीतिक प्रस्ताव की मुख्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2015 8:37 AM
देवघर : भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति की दूसरे सत्र में जिलाध्यक्षों ने अपने-अपने जिले में किये गये कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा भावी योजनाओं की जानकारी प्रदेश कार्यसमिति के समक्ष रखा. दूसरे सत्र में भाजयुमो ने राजनीतिक प्रस्ताव लिये. जो राज्य व देवघर के अलावा संतालपरगना की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है.
राजनीतिक प्रस्ताव की मुख्य बातें
-सरकार सभी मोरचे पर आगे बढ़ रही है. ऐसे में कार्यसमिति सरकार से मांग करती है कि राज्य देश में युवा आयोग का गठन शीघ्र किया जाये. साथ ही झारखंड सरकार राज्य युवा नीति की घोषणा करे. वहीं सरकार सभी इकाइयों में युवा शक्ति को योग्यतानुसार समानुपातिक प्रतिनिधित्व दे.
-सरकार सभी कोटि के रिक्त पदों पर झारखंड के बेरोजगारों को समयबद्ध नियोजन का अवसर दे. वैकल्पिक, नियोजन, वैकल्पिक कृषि, रोजगार समर्थन का अभियान चलाया जाये.
-धार्मिक पर्यटन जैसे बैद्यनाथधाम, बासुकिनाथ, पारसनाथ, रजरप्पा, मलूटी, वंशीधर मंदिर, टांगीनाथ, अंजनग्राम, जगन्नाथ मंदिर जैसे अनेकों स्थल को जोड़कर विकसित किया जाये
-बुद्ध सर्किट के लिए सरकार पहल करे
-बाबा मंदिर प्रबंंधन बोर्ड में अध्यक्ष व उसके कुछ सदस्य बाहर के हैं. इसलिए बोर्ड महत्वहीन हो गया है. इसलिए सरकार प्रबंधन बोर्ड को पुनर्गठित किया जाये.
-जलप्रपात, वन्य क्षेत्र, उद्यान व सुंदर वादियों, जीवाश्म पार्क, पक्षी विहार आदि को जोड़कर एक पर्यटन हब बने, रोजगार की दृष्टि से यह बहुत बड़ा क्षेत्र बन सकता है.
-झारखंड टूरिज्म को भारत के मानचित्र पर अग्रणी स्थान मिले
-पंचक्रांति : कौशल विकास, स्वच्छता अभियान, योग, निर्माण, कन्या शक्ति क्रांतियों के लिए जो अभियान चलाया गया है उसे देश को अपार समर्थन मिल रहा है, समाज उक्त क्रांतियों से जुड़े.
-65 % युवा शक्ति देश की प्रगति, युवा क्षमता, कौशल, तकनीक पर निर्भर करता है. तमाम कीर्तिमानों के बावजूद एक बहुत बड़ी आबादी जो शिक्षा और तकनीक से वंचित रही है, ऐसी आबादी को अवसर, संसाधन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की जरूरत है.
-तकनीकी संस्थान, आर्थिक संस्थाएं व कौशल विकास के क्षेत्र में काम करने वाले लोग कुशल, अर्द्धकुशल युवा हाथों को समर्थन, संवर्द्धन प्रदान कर देश की उत्पादकता वृद्धि में ग्रोथ पार्टनर बनाये.

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