सीबीआइ ने दो आइएएस से ली जानकारी!

देवघर: देवघर भूमि घोटाले में सीबीआइ जांच में तेजी आयी है. अब धीरे-धीरे सीबीआइ की जांच आइएएस अधिकारियों की ओर बढ़ रही है. इसी क्रम में धनबाद सीबीआइ ने देवघर जमीन घोटाले के संदर्भ में देवघर में पूर्व में पदस्थापित दो वरीय आइएएस अधिकारियों से जानकारी ली. ये आइएएस अधिकारी हैं अरुण कुमार सिंह व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 23, 2013 9:18 AM

देवघर: देवघर भूमि घोटाले में सीबीआइ जांच में तेजी आयी है. अब धीरे-धीरे सीबीआइ की जांच आइएएस अधिकारियों की ओर बढ़ रही है. इसी क्रम में धनबाद सीबीआइ ने देवघर जमीन घोटाले के संदर्भ में देवघर में पूर्व में पदस्थापित दो वरीय आइएएस अधिकारियों से जानकारी ली.

ये आइएएस अधिकारी हैं अरुण कुमार सिंह व मस्तराम मीणा. सीबीआइ सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों आइएएस अधिकारियों से सीबीआइ ने जानना चाहा कि एनओसी कब से चालू हुआ कब-कब रोक लगी, फिर किस परिस्थिति में चालू हुआ. सीबीआइ अधिकारी बताते हैं कि उपरोक्त दोनों अधिकारियों के अलावा और भी कई आइएएस अधिकारी हैं जिनसे देवघर जमीन घोटाले के संदर्भ में पूछताछ हो सकती है.

सीबीआइ ने पूछा : क्यों पड़ी एनओसी जरूरत
सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने अपने अनुसंधान के क्रम में इन दोनों अधिकारियों से देवघर में जमीन की हुई गड़बड़ियों की जानकारी प्राप्त की. सूत्रों के अनुसार आइएएस अरुण कुमार सिंह से सीबीआइ ने देवघर में एनओसी की प्रक्रिया चालू करने की वजह को जानने का प्रयास किया. सीबीआइ अधिकारियों ने पूछा कि 2004 से पहले जब देवघर में सामान्य रूप से जमीन की रजिस्ट्री हो रही थी, तो किस परिस्थिति में जमीन की रजिस्ट्री के लिए एनओसी की प्रक्रिया लागू हुई. एनओसी के बगैर जमीन की रजिस्ट्री में क्या-क्या परेशानियां आती थी. इस बिंदुओं पर सीबीआइ ने जानकारी ली है.

कैसे पकड़ी गयी गड़बड़ियां
सीबीआइ ने देवघर भूमि घोटाला को पकड़ने वाले तत्कालीन डीसी मस्तराम मीणा से भी गड़बड़ियों के कई बिंदुओं पर जानकारी ली. सीबीआइ अधिकारियों ने उनसे जानना चाहा कि आखिर गड़बड़ी की जड़ कहां है तथा उन्होंने कैसे गड़बड़ी को परखा व पकड़ा. इसके साथ ही तीन वर्ष से अधिक कार्यकाल होने के दौरान दो वर्ष तक जमीन के कागजातों में कैसे हेराफेरी हुई व फिर आपने इसे कैसे पकड़ा. इस कार्य को रोकने के लिए निचले अधिकारियों की क्या जिम्मेवारी थी आदि जानकारी ली.

अभिलेखागार में जलाये गये दस्तावेजों की जांच शुरू
पिछले दिनों देवघर पुलिस द्वारा सीबीआइ को सौंपी गयी अभिलेखागार चोरी कांड व जलाये गये दस्तावेजों की सीबीआइ अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ चोरी कांड के पुलिसिया अनुसंधान का भी अध्ययन कर रही है. साथ ही अभिलेखागार चोरी व दस्तावेज जलाने के मामले में कर्मियों से लेकर अधिकारी व भू-माफियों की क्या भूमिका रही है. इसकी भी जांच सीबीआइ कर रही है.

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