????? ?? ?? ????? ?? ???? ?????

गंदगी से छट घाटों के बदतर हालातकचरा का ढेर बना हटिया परिसर का तालाबफोटोः- 5 छठ घाट का जर्जर रास्ता व 6 तालाब में जमा कचरे का अंबारप्रतिनिधि, पालोजोरीआस्था का महापर्व छठ महज एक पखवारे बाद मनाया जाने वाला है. लेकिन पालोजोरी के विभिन्न छठ घाटों की स्थिति बदरंग बनी हुई है. छठ घाटों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2015 8:58 PM

गंदगी से छट घाटों के बदतर हालातकचरा का ढेर बना हटिया परिसर का तालाबफोटोः- 5 छठ घाट का जर्जर रास्ता व 6 तालाब में जमा कचरे का अंबारप्रतिनिधि, पालोजोरीआस्था का महापर्व छठ महज एक पखवारे बाद मनाया जाने वाला है. लेकिन पालोजोरी के विभिन्न छठ घाटों की स्थिति बदरंग बनी हुई है. छठ घाटों में गंदगी के अंबार के साथ-साथ घाट तक जाने के लिए मुक्कमल रास्ता तक नहीं है. पालोजोरी बाजार से सटे हटिया परिसर स्थित तालाब की स्थिति तो सबसे बदतर देखी जा रही है. यह तालाब कम कूड़े-कचरे का ढेर ज्यादा नजर आता है. बुजुर्गों का कहना है कि कई साल पूर्व इस तालाब में छठ व्रतियों की भीड़ उमड़ती थी. लोग पूरे आस्था के साथ लोग यहां छठ मनाने आते थे. बुजुर्गों का यह भी कहना है कि इस तालाब के पानी का उपयोग दाल बनाने के लिए भी करते थे. साथ-साथ आसपास की आबादी यहां स्नान करने के साथ इसके पानी का उपयोग कई कार्यों में करते थे. लेकिन पिछले कुछ सालों के अंदर लोगों द्वारा सुनियोजित तरीके से इस तालाब में कुड़ा, कचरा व गंदगी जमा किया जाने लगा. जिस कारण आज इस तालाब का पानी मवेशियों के पीने लायक भी नहीं रह गया है. इन दिनों इस तालाब के प्रवृत्ति को बदलने का प्रयास भू माफियों द्वारा किया जा रहा है. आश्चर्य यह है कि यह तालाब अंचल कार्यालय से एक किलोमिटर से भी कम दूरी व जनसंख्या बहुल क्षेत्र में स्थित है. बावजूद इसके सरकारी स्तर पर भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है. पालोजोरी बाजार के लोगों का कहना है कि इस तालाब की साफ-सफाई बेहतर ढंग से हो तो यह एक बार फिर से यह तालाब सबसे बेहतर छठ घाट के रूप में बदल सकता है. ऐसा होने से लोगों को छठ पर्व मनाने के लिए बाजार से हट कर दूर नहीं जाना पड़ेगा. स्वयंसेवियों द्वारा छठ घाट की होती है साफ-सफाई- छठ घाट की साफ सफाई की बीड़ा पालोजोरी के छठ आयोजन कमेटी के स्वयंसेवियों द्वार उठाई जाती है. प्रत्येक साल स्वयंसेवियों द्वारा ही छठ घाट की सजावट के साथ-साथ छठ व्रतियों को दिक्कत नहीं हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाता है.

Next Article

Exit mobile version