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सीबीआइ के समक्ष नहीं आये अधिकारी

देवघर: अभिलेखागार में सीबीआइ ने जांच के क्रम में देवघर पहुंचने से पहले ही जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी को पत्र द्वारा सूचित कर रखा था. यह सूचना कुछ दिन पहले ही दे दी गयी थी. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने 20 लोगों की सूची भी वरीय पदाधिकारी को भेजी थी. इसमें सबसे पहला नाम […]

देवघर: अभिलेखागार में सीबीआइ ने जांच के क्रम में देवघर पहुंचने से पहले ही जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी को पत्र द्वारा सूचित कर रखा था. यह सूचना कुछ दिन पहले ही दे दी गयी थी. सूत्रों के अनुसार सीबीआइ ने 20 लोगों की सूची भी वरीय पदाधिकारी को भेजी थी.

इसमें सबसे पहला नाम तत्कालीन रिकार्ड रूप के प्रभारी पदाधिकारी मथिलेश झा सहित अभिलेखागार कर्मी तथा चोरी गये बक्से व दस्तावेज की जांच करने वाले पदाधिकारियों के नाम शामिल हैं. मगर कर्मियों को छोड़ कोई भी पदाधिकारी जवाब-तलब के लिए उपस्थित नहीं हुए. दूसरी ओर बक्से कोअभिलेखागार तक पहुंचाने वाले एक चालक व कर्मी से भी पूछताछ हो सकती है. अभिलेखागार चोरी उजागर होने के बाद तत्कालीन डीसी के रवि कुमार ने दंडाधिकारियों की टीम गठित की थी. इस टीम में एसी व सीओ समेत अन्य अधिकारी थे.

सुरक्षा जवानों की तैनाती पर खड़े किये सवाल : सीबीआइ ने अभिलेखागार की सुरक्षा में तैनात पुलिस जवानों की तैनाती पर सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने घटना के बाद से किसी वरीय पुलिस पदाधिकारी के द्वारा रिकार्ड रूम में तैनात जवानों की जांच न किये जाने पर सवाल खड़े किये. सीबीआइ ने इसे गंभीरता से लिया है.

तकनीकी टीम का लिया सहयोग: सीबीआइ टीम ने जांच में अपने साथ इसीएल, चितरा की तकनीकी विशेषज्ञ टीम को साथ लेकर देवघर पहुंची थी.

इसीएल टीम में शामिल अभियंताओं ने अभिलेखागार के भीतर की लंबाई-चौड़ाई के साथ चोरी गये बक्से का क्षेत्रफल व उसमें रखे हुए दस्तावेज संबंधी तकनीकी जांच की. इस दौरान विशेषज्ञों ने सीबीआइ अधिकारियों को तकनीकी परामर्श प्रदान किया.

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